नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में संसोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ धरना प्रदर्शन लगातार जारी है. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी. हालांकि इससे पहले कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि किसी को भी सार्वजनिक सड़क को जाम करने का अधिकार नहीं है. हालांकि कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को भी अपना पक्ष रखने के लिए सोमवार तक का समय दिया था.
न्यूज़ एजेंसी आईएनएस के मुताबिक रास्ता खुलवाने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज महिलाएं भी पक्ष रख सकती है. प्रदर्शन में वॉलंटियर की भूमिका निभा रहे सोनू वारसी ने कहा, "जैसे शाहीन बाग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है और शाहीन बाग की तरफ से कोई पार्टी नहीं है. महमूद प्राचा अपने आपको लीगल अथॉरिटी बनाकर पेश कर रहे हैं, जोकि गलत है. न ही उनके पास यहां का वकालतनामा है और न ही अन्य कुछ. यहां जो मुख्य चेहरा है, वो हैं यहां की महिलाएं. हम सुप्रीम कोर्ट में भी महिलाओं को आगे रखेंगे, जिनमें से चुनिंदा दादियां यानी दबंग दादियां होंगी." गृह मंत्री अमित शाह से मिलने जा रहे थे शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी, पुलिस ने वापिस लौटाया
उन्होंने कहा, "शाहीन बाग ने तय किया है कि अब हम अपना लीगल पक्ष सुप्रीम कोर्ट मे रखेंगे. इसके लिए तैयारी की जा रही है. जो भी हमारा लीगल पैनल होगा, दादियों के साथ पेश होगा. फिलहाल सभी प्रक्रियाओं पर काम किया जा रहा है और जल्द ही इसकी जानकारी दी जाएगी." हालांकि अधिवक्ता अनस तनवीर सिद्दीकी शाहीन बाग की तरफ से पक्ष रखने वाले है.
इससे पहले शाहीन बाग प्रदर्शन के आयोजकों ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निवास के तक के लिए मार्च निकालने की कोशिश की. दरअसल तीन दिन पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून से जुड़े मुद्दों पर चर्चा का इच्छुक कोई भी व्यक्ति उनके कार्यालय से वक्त ले सकता है और उनसे मिल सकता है.