Maharashtra: अनिल देशमुख को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, याचिका पर 3 अगस्त को होगी सुनवाई
अनिल देशमुख (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की उस याचिका पर गिरफ्तारी से कोई संरक्षण नहीं दिया, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में किसी भी कथित जबरदस्ती कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की थी.  न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर ने मामले की सुनवाई 3 अगस्त को निर्धारित की है। पीठ ने कहा, इस याचिका को 3 अगस्त को संबंधित मामलों के साथ सूचीबद्ध करें, ताकि सभी मामलों में समान आदेश पारित किया जा सके.

ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख और उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को पेश होने के लिए समन जारी किया था.देशमुख, जिन्होंने एजेंसी द्वारा दिए गए पिछले समन को दरकिनार कर दिया था, ने शीर्ष अदालत में याचिका में इन समन को चुनौती दी थी और अपने और अपने बेटे दोनों के लिए सुरक्षा मांगी थी. यह भी पढ़े: Maharashtra: ईडी के तीसरे समन का भी महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने नहीं दिया जवाब

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से तीसरा समन मिलने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री देशमुख और उनके बेटे ऋषिकेश ने राहत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. याचिका में कोर्ट से मांग की गई थी कि उनके खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जानी चाहिए। हालांकि अदालत ने फिलहाल उन्हें कोई राहत देने से इनकार कर दिया है.

देशमुख पर मुंबई ऑर्केस्ट्रा बार के एक समूह से जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है, और इस मामले की ईडी द्वारा जांच की जा रही है.

यह आरोप लगाया गया है कि कथित रूप से देशमुख के निर्देश पर बर्खास्त मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा ऑर्केस्ट्रा बार से 4.7 करोड़ रुपये जबरन वसूली के रूप में एकत्र किए गए थे। बाद में, यह राशि देशमुख के नागपुर स्थित शैक्षिक ट्रस्ट को उनके बेटे, ऋषिकेश द्वारा स्थानांतरित कर दी गई थी। आरोप के अनुसार, लेन-देन दो हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से किया गया था और इसे दान के रूप में दिखाया गया था. 71 वर्षीय राकांपा नेता ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और उनके दो बेटे सलिल और ऋषिकेश ट्रस्टी हैं।

11 मई को पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और 25 जून को ईडी ने देशमुख के नागपुर, मुंबई और तीन अन्य स्थानों पर आवासों पर छापेमारी की थी. इस मामले में सीबीआई ने अप्रैल में देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनके चार परिसरों पर छापेमारी की थी.

मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि देशमुख ने वाजे से मुंबई के विभिन्न बार व रेस्टोरेंट आदि से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा.

इस सप्ताह की शुरूआत में, शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी थी और देशमुख के कानूनी वकील से ईडी और महाराष्ट्र सरकार को याचिका की एक प्रति प्रदान करने को कहा था.