SC का अहम फैसला: हत्या से शरीर नष्ट होता है और बलात्कार से आत्मा, शादी का झूठा वादा करके सेक्स करना रेप
देश में महिलाओं और बच्चियों से रेप की वारदात को रोकने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कठोर कानून बनाए गए है. लेकिन इन सबके बावजूद भी बेखौफ दरिंदे अपनी हवस मिटाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते है.
नई दिल्ली: देश में महिलाओं और बच्चियों से रेप की वारदात को रोकने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कठोर कानून बनाए गए है. लेकिन इन सबके बावजूद भी बेखौफ दरिंदे अपनी हवस मिटाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते है. कई बार अपराधी क़ानूनी फंदे से बाहर निकलने के लिए महिलाओं से शादी का झूठा वादा कर शारीरिक संबंध बनाने है. इसको लेकर देश की शीर्ष कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि शादी का झूठा वादा करके शारीरिक संबंध बनाना रेप के दायरे में आता है. कोर्ट ने कहा कि रेप समाज के खिलाफ, शारीरिक और नैतिककता के खिलाफ किया गया एक अपराध है. इसमें शरीर, दिमाग और निजता पर हमला किया जाता है.
सुनवाई के बाद कोर्ट ने आगे कहा कि हत्या केवल शरीर को नष्ट करती है, लेकिन रेप आत्मा को अपवित्र और अपमानित कर खत्म कर देता है. यह ऐसा अपराध है, जिसमें महिला के सर्वोच्च सम्मान पर आघात पहुचता है.
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यह मामला साल 2013 का बिलासपुर का है. जहां एक सरकारी अस्पताल के जूनियर डाक्टर के खिलाफ एक युवती ने रेप का मामला दर्ज हुआ था. बताया जाता है डाक्टर और युवती के बीच प्रेम प्रसंग 2009 से ही चल रहा था. युवती के मुताबिक आरोपी ने उससे शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाए और बाद में मुकर गया. जिसके बाद युवती ने केस दर्ज करवाया.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी डॉक्टर को 10 साल की सजा सुनाई. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. हालांकि यहा आरोपी की सजा कम करके सात साल कर दी गई. कोर्ट ने कहा कि युवती ने संबंध बनाने की सहमति इसलिए दी थी कि आरोपी ने उससे शादी का वादा किया था. उसने युवती के साथ धोखा किया.