नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को रिपब्लिक टीवी (Republic TV) के प्रबंध निदेशक और एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) की याचिका पर महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार को फटकार लगाई है. दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा ने अर्नब गोस्वामी को विशेषाधिकार हनन (Privilege Notice) का नोटिस दिया था, जिसके खिलाफ उन्होंने शीर्ष कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पुलिस ने अर्नब की हिरासत के लिए सत्र अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की
देश की शीर्ष कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा कि महाराष्ट्र विधानसभा सचिव के खिलाफ अदालत की अवमानना का कारण बताओ नोटिस क्यों नहीं जारी किया जाना चाहिए. कोर्ट ने नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जावाब दाखिल करने के लिए कहा है. कोर्ट में अर्नब का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे रख रहे है.
A bench headed by CJI SA Bobde also said that petitioner Arnab Goswami can't be arrested till further hearing in privilege notice issued against his case.
Maharashtra Assembly Secretary had issued a privilege notice against Arnab for criticising Maharashtra CM Uddhav Thackeray https://t.co/crGGEAOJj6
— ANI (@ANI) November 6, 2020
चीफ जस्टिस एसए बोबडे (SA Bobde) की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता रिपब्लिक टीवी के मालिक अर्नब गोस्वामी को इस मामले में केस की सुनवाई होने तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. महाराष्ट्र विधानसभा सचिव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की आलोचना के लिए अर्नब के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस जारी किया था.
उल्लेखनीय है कि बीते महीने महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया. यह नोटिस विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना सदन की कार्यवाही की प्रति सुप्रीम कोर्ट में जमा करने के मामले में दी गई. सचिवालय ने जारी बयान में कहा था कि अर्नब गोस्वामी को 13 अक्टूबर को नोटिस जारी किया गया और 15 अक्टूबर को लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया.
इससे पहले विधानसभा सचिवालय ने 16 सितंबर को दो दिवसीय मानसून सत्र के दौरान अर्नब गोस्वामी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा था. विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने पेश किया था. उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले पर प्रस्तुत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और अन्य मंत्रियों को संबोधित करने के तरीके पर आपत्ति जताई थी.