ताजमहल पर ऐतिहासिक तथ्य हटाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा- हम यहां इतिहास खोलने नहीं आए हैं

ताजमहल के वास्तविक इतिहास का पता लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें इतिहास की किताबों से ताजमहल के निर्माण के संबंध में कथित गलत ऐतिहासिक तथ्यों को हटाने की मांग की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट (Photo Credit : Twitter)

ताजमहल के वास्तविक इतिहास का पता लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें इतिहास की किताबों से ताजमहल के निर्माण के संबंध में कथित गलत ऐतिहासिक तथ्यों को हटाने की मांग की गई थी. जस्टिस एम.आर. शाह और सी.टी. रविकुमार ने याचिकाकर्ता से कहा कि जनहित याचिका मछली पकड़ने की जांच के लिए नहीं है.

पीठ ने याचिकाकर्ता को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के समक्ष एक अभ्यावेदन देने के लिए कहा, हम यहां इतिहास को फिर से खोलने के लिए नहीं हैं. इतिहास को जारी रहने दें. रिट याचिका को वापस ले लिया गया है. इसके पहले 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के इतिहास की तथ्य-अन्वेषण जांच के लिए निर्देश देने और स्मारक के परिसर में 22 कमरों को खोलने के निर्देश की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया.

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जनहित याचिकाएं गड़बड़ी की जांच के लिए नहीं हैं. हम यहां इतिहास को फिर से खोलने के लिए नहीं हैं. इतिहास को जारी रहने दें.

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