नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में सीलिंग केस में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी की मुसबितें बढ़ती नजर आ रही है. इस मामले में आज मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. दिल्ली के गोकुलपुर में एक गांव की सीलिंग तोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सांसद होने से उन्हें कानून अपने हाथ में लेने की आजादी नहीं मिल जाती है.
वहीं सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मनोज तिवारी को दिल्ली में सीलिंग के मामले में एक समाचार चैनल से बातचीत में किये गये इस दावे पर स्पष्टीकरण देने को कहा है, इसके साथ इस मामले में एक सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. मनोज तिवारी ने अपने बयान में कहा था कि दिल्ली में एक हजार जगह ऐसी हैं जिन्हें सील किये जाने की जरूरत है. जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी, कहा सुबह तक उनकी लिस्ट दें, हम आपको सीलिंग अधिकारी ही बना देते है.
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SC asks Delhi BJP Chief Manoj Tiwari to file an affidavit within a week&fixed matter for further hearing to Oct 3. SC had asked him to appear before it to explain his stand in connection with breaking seal of a locked house in an unauthorised colony in Delhi's Gokalpur on Sep 16 pic.twitter.com/cl4ydRHHyv
— ANI (@ANI) September 25, 2018
मनोज तिवारी के पक्ष में उनके वकील वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि उनसे लिस्ट न मांगी जाए वे सांसद हैं. जिसके जावब में अदालत ने कहा कि वह संसद सदस्य हैं. इससे उन्हें कानून हाथ में लेने की आजादी नहीं मिल जाती. सुप्रीम कोर्ट ने 3 अकटूबर को दोबारा पेश होने के लिए कहा है.