चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बॉन्ड नंबरों का खुलासा करने का आदेश दिया है. SBI से कहा गया है कि वे बॉन्ड के यूनिक नंबर भी सार्वजनिक करे. अदालत ने नोटिस जारी कर पूछा है कि बॉन्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया. बैंक ने अल्फा न्यूमिरिक नंबर क्यों नहीं बताया. अदालत ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बॉन्ड नंबरों से पता चल सकेगा कि किस डोनर ने किस पार्टी को चंदा दिया. अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार को यानी कि 18 मार्च को होगी. Electoral Bond Data: इन बड़ी कंपनियों ने राजनीतिक दलों को दिल खोलकर दिया चंदा, यहां देखें पूरी लिस्ट.
बता दें कि अभी SBI ने केवल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों की जानकारी और भुनाने वाली पार्टियों के नाम जारी किए हैं. इससे पता नहीं चल रहा है कि किसी कंपनी द्वारा खरीदे गए बॉन्ड को किस राजनीतिक पार्टी ने भुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (15 मार्च) को स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय स्टेट बैंक को बॉन्ड की खरीद और मोचन के संबंध में पहले ही बताए गए विवरणों के अलावा, चुनावी बांड संख्या का भी खुलासा करना होगा. अदालत का आदेश है कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है. कोर्ट ने कहा कि ईसी में अपलोड करने के लिए डेटा जरूरी है.
चुनाव आयोग की ओऱ से अपनी वेबसाइट पर जो डाटा शेयर किया गया है, उसमें 12 अप्रैल 2019 के बाद से 1,000 रुपये से 1 करोड़ रुपये कीमत के चुनावी बॉन्ड (ये बॉन्ड अब समाप्त हो चुके हैं) की खरीद संबंधी जानकारी दी गई है. इसमें उन कंपनियों और व्यक्तियों का ब्योरा दिया गया है, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. साथ ही उन पार्टियों का भी विवरण है, जिन्हें ये चुनावी चंदा दिया गया था.