नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार को आदेश दिया कि बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) पर लगे उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की जाए. इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस पूरे मामलें में चल रही जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जांच की निगरानी के लिए एक पीठ बनाई गई.
आज सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक आरोप लगाने वाली छात्रा और उसके परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को सौंपी है. इसके अलावा कोर्ट ने छात्रा को किसी दूसरे कॉलेज में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया ताकि वह अपनी पढाई सही ढंग से जारी रख सके. छात्रा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में दिल्ली में रह रही है. उसने अपने और अपने परिवार की जान को खतरा होने की बात कही है.
Supreme Court directs Allahabad High Court to monitor the investigation on complaint filed by the student. Chief Secretary of Uttar Pradesh to provide police protection to the girl and her family, until further orders. https://t.co/eig1tiNYo5
— ANI (@ANI) September 2, 2019
मालूम हो कि शाहजहांपुर में चिन्मयानंद के एक महाविद्यालय से एलएलएम कर रही एक लापता छात्रा ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करके चिन्मयानंद पर जान से मारने की धमकी देने और खुद के बदहाली में जीने की बात बताते हुए सरकार से मदद मांगी थी. इस मामले में छात्रा के पिता की तहरीर पर चिन्मयानंद के विरुद्ध अपहरण और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया है.
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छात्रा के परिजनों ने अपनी तहरीर में स्वामी चिन्मयानंद व अन्य लोगों पर वीडियो के आधार पर दुष्कर्म, शारीरिक शोषण और अपहरण समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि बीजेपी नेता के वकील ने इस आरोप को नकारते हुये छात्रा पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया.