
संभल (यूपी) में लगातार नए-नए ऐतिहासिक खुलासे हो रहे हैं. शनिवार को चंदौसी के लक्ष्मण गंज क्षेत्र में राजस्व विभाग की खुदाई में एक विशालकाय बावड़ी का खुलासा हुआ. जानकारी के मुताबिक, लक्ष्मण गंज क्षेत्र 1857 से पहले हिंदू बाहुल्य था और यहां सैनी समाज के लोग रहते थे. इस क्षेत्र में पहले बिलारी की रानी की बावड़ी थी, जो अब मिट्टी के ढेर में दब चुकी थी. जब नायब तहसीलदार धीरेन्द्र सिंह ने नक्शे के आधार पर इलाके की खुदाई की, तो वहां एक दो मंजिला इमारत के अवशेष और बावड़ी का कुआं और तालाब दिखाई दिए. अधिकारियों का कहना है कि यहां सुरंग भी हो सकती है, और इसकी पूरी जांच की जा रही है.
वहीं, संभल में भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम भी सक्रिय है. शनिवार को ASI टीम ने कल्कि मंदिर और आसपास के क्षेत्र का सर्वे किया. टीम ने 19 कुएं और 5 तीर्थ स्थानों का भी निरीक्षण किया. विशेष रूप से, ASI टीम ने प्राचीन कृष्ण कूप और मंदिर के अंदर बने गुंबद का अध्ययन किया. सुरक्षा कारणों से यह सर्वे गुपचुप तरीके से कराया गया. इससे पहले शुक्रवार को ASI टीम ने लाडम सराय स्थित एक मंदिर में प्राचीन पत्थरों का सर्वे किया था.
#WATCH उत्तर प्रदेश: संभल के चंदौसी क्षेत्र में स्थित सदियों पुरानी बावड़ी पर खुदाई का काम शुरू हुआ। pic.twitter.com/biGZOUcwhk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2024
नगर पालिका चंदौसी के अधिशासी अधिकारी का बयान
#WATCH संभल, उत्तर प्रदेश: नगर पालिका चंदौसी के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने कहा, "जैसे ही हमें पता चला कि यहां एक बावड़ी है, हमने यहां खुदाई का काम शुरू कर दिया... हम इसे पुनर्स्थापित करने की पूरी कोशिश करेंगे..." https://t.co/vvUlG3SJ3B pic.twitter.com/bYHXVkqVXR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2024
यह लगातार हो रहे ऐतिहासिक उत्खनन और सर्वे से यह स्पष्ट हो रहा है कि संभल और उसके आसपास के इलाके में गहरी ऐतिहासिक धरोहर छिपी हुई है, जो अब धीरे-धीरे सामने आ रही है.