नई दिल्ली: मणिपुर में जारी हिंसा को चार महीने पूरे होने वाले हैं लेकिन यहां की स्थिति में अभी भी सुधार नहीं आया है. इस बीच मणिपुर के मुद्दे पर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार को भोजन, दवा और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि कोई भी नागरिक बुनियादी मानव सुविधाओं के बिना न रह जाए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से सुनवाई की अगली तारीख पर अपने द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने को कहा है. Parliament Special Session: I.N.D.I.A गठबंधन के लिए बड़ी मुश्किल, मोदी सरकार के इन 3 वार के आगे कैसे टिकेगा विपक्ष.
नाकाबंदी हटाने पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जिस तरह से नाकाबंदी से निपटा जाता है वह कानून प्रवर्तन के तहत है, हालांकि, मामले के मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए सरकार को आवश्यक वस्तुओं को हवाई मार्ग से गिराने सहित सभी विकल्प तलाशने चाहिए.
अगली सुनवाई पर मांगा जवाब
Manipur violence: Supreme Court directs Centre and Manipur government to ensure supply of food, medicine, and other essentials so that no citizens are left without basic human facilities.
Supreme Court on the removal of blockade says that the manner in which the blockade is… pic.twitter.com/R3j1lpBq8c
— ANI (@ANI) September 1, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर गौर किया कि मणिपुर और केंद्र सरकार द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इसमें कहा गया है कि शीर्ष अदालत द्वारा गठित समिति को नोडल अधिकारियों के बारे में भी सूचित किया जाएगा.
अदालत के निर्देशों में कानूनी कार्यवाही को सुव्यवस्थित करने, न्याय तक पहुंच प्रदान करने और सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जजों वाली एक महिला समिति द्वारा की जा रही जांच को सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया गया है.
मणिपुर को हिंसा की आग में सुलगते हुए मणिपुर को करीब 4 महीने का समय हो गया है. आए दिन यहां अलग-अलग स्थानों से हिंसा की खबरें आती रहती है. राज्य में यौन हिंसा से जुड़े मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है, और वर्तमान में ऐसे मामलों की संख्या 27 हो चुकी है.