गोरक्षा के नाम पर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा – ‘संसद कानून बनाए, कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्यों का फर्ज़’
गौरतलब है कि पिछले साल 6 सितंबर को कोर्ट ने सभी राज्यों को गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
नई दिल्ली: गोरक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत ने दो टूक शब्दों में कहा है कि कोई भी यक्ति कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता है. इसके साथ ही अदालत ने राज्यों को सख्त आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि देश में भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दे सकती है. यहां पर संविधान के मुताबिक काम करना होगा. कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों को 4 हफ्तों में कानून बनाने का सख्त निर्देश दिया है.
गोरक्षा के नाम पर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कहा, 'मॉबोक्रेसी' को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, और इसे नया नियम नहीं बनने दिया जा सकता है. कोर्ट के मुताबिक, इससे कड़ाई से निपटना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षा के नाम पर हुई हत्याओं के सिलसिले में प्रिवेंटिव, रेमिडियल और प्यूनिटिव दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि संसद को इसके लिए कानून बनाना चाहिए, जिसमें भीड़ द्वारा हत्या के लिए सज़ा का प्रावधान हो. मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (SC) अगस्त में करेगा.
गौरतलब है कि पिछले साल 6 सितंबर को कोर्ट ने सभी राज्यों को गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. साथ ही कहा था कि एक हफ्ते में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की नियुक्ति नोडल ऑफिसर के तौर पर हर जिले में की जाए और कानून हाथ में लेने वाले गोरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करे.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (SC) ने गोरक्षा करने वालों पर बैन की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान छह राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था. SC ने इस मामले में यूपी, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड व कर्नाटक को नोटिस जारी किया था.