70 सेकंड लगते, लेकिन उन्होंने 7 दिन मांगे...कोलकाता रेप केस पर सुधांशु त्रिवेदी ने CM ममता पर किया तीखा हमला
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर एक तीखा हमला बोला है. यह हमला तब किया गया जब कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत के मामले पर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है.

लखनऊ में शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, त्रिवेदी ने 'इंडिया' गठबंधन और उसके प्रमुख नेताओं, सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस और 'इंडिया' गठबंधन का इस मामले पर रुख "खतरनाक" है.

त्रिवेदी ने कहा, "ममता बनर्जी को इस मामले को सीबीआई को सौंपने में केवल 70 सेकंड लग सकते थे, लेकिन उन्होंने 7 दिन मांगे. इससे उनकी निराशा झलकती है." यह बयान उन्होंने राज्य सरकार द्वारा मामले की जांच में तत्परता की कमी का संकेत देने के लिए दिया.

बीजेपी सांसद ने इस मामले की तुलना पश्चिम बंगाल में हुई पहले की घटनाओं से की, जैसे कि संदेशखली हिंसा और शाहजहां शेख मामला, और दावा किया कि राज्य में इस प्रकार की घटनाएं असामान्य नहीं हैं.

त्रिवेदी ने सवाल उठाते हुए कहा, "सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे 'इंडिया' गठबंधन के नेता इन घटनाओं पर चुप क्यों हैं? क्या ऐसे अराजकतावादी और बलात्कारी आपकी 'मोहब्बत की दुकान' का हिस्सा हैं?" इस सवाल के माध्यम से उन्होंने राहुल गांधी के उस बयान की आलोचना की, जो उन्होंने विपक्ष को लेकर दिया था.

त्रिवेदी ने आगे कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी द्वारा ममता बनर्जी सरकार की आलोचना का हवाला देते हुए राहुल गांधी के टीएमसी के साथ गठबंधन करने के फैसले पर सवाल उठाया. उन्होंने इस बात की भी निंदा की कि हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए गए, जो जांच को बाधित करने और सबूत छिपाने के लिए थे.

इसके अलावा, त्रिवेदी ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की भी आलोचना की और अयोध्या बलात्कार मामले और कन्नौज में हुई घटनाओं की तुलना की, जहाँ उन्होंने आरोप लगाया कि जांच को रोका गया और पीड़ितों को धमकाया गया.

यह विवाद तब भड़का जब 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट प्रशिक्षु डॉक्टर का शव पाया गया. पीड़ित के परिवार ने बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है, और इस मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हाथ में है. जांच वर्तमान में जारी है, और इस घटना ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है.