अग्निपथ विरोध के दौरान बिहार में छात्रों को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भड़काया गया

बिहार के बेतिया जिले में अग्निपथ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई भीषण हिंसा के बाद पुलिस जांच में सामने आया है कि राज्य की राजधानी पटना से शुरू हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जिले के छात्रों को उकसाया गया था.

व्हाट्सएप (Photo Credit : pixabay)

पटना, 24 जून : बिहार के बेतिया जिले में अग्निपथ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई भीषण हिंसा के बाद पुलिस जांच में सामने आया है कि राज्य की राजधानी पटना से शुरू हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जिले के छात्रों को उकसाया गया था. पश्चिम के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "बेतिया में हिंसा सुनियोजित थी और छात्रों को कथित तौर पर पटना से उत्पन्न एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उकसाया गया था. कुछ भड़काऊ संदेश थे जो 17 जून को फ्यूचर फौजी नामक व्हाट्सएप ग्रुप पर अपलोड किए गए थे." संदेशों की सामग्री के अनुसार, समूह के सदस्यों ने पेट्रोल खरीदने और सरकारी संपत्तियों और भाजपा नेताओं की संपत्तियों को आग लगाने के लिए 108 रुपये खर्च किए.

व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों ने कथित तौर पर भाजपा नेताओं के खिलाफ उकसाया जो देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बातचीत की सामग्री में कहा गया है, आंदोलन तभी सफल होगा जब हम सरकार और भाजपा नेताओं की संपत्तियों को आग लगा देंगे. 17 जून को बेतिया सहित बिहार के कई जिलों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, जहां प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और लौरिया भाजपा विधायक विनय बिहारी की संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया. बिहार में बड़े पैमाने पर हिंसा के साथ अग्निपथ विरोध 16 से 20 जून तक पांच दिनों तक चला. यह भी पढ़ें : झारखंड उच्च न्यायालय ने सोरेन के वकील पर नाराजगी जतायी

पटना, जहानाबाद, भोजपुर, पश्चिम चंपारण, बक्सर, रोहतास, कैमूर, नवादा, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, सुपौल समेत विभिन्न जिलों में कई ट्रेनों में आग लगा दी गई. पश्चिमी चंपारण के पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने कहा, "बिहार में व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से अफवाहें फैलाई गईं. जांच चल रही है क्योंकि कई नाम सामने आए हैं. हमने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है और कई अन्य लोगों की भी पहचान की है जो आगजनी में शामिल थे. छापेमारी चल रही है."

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