Solar Eclipse 2024 Date and Sutak Timings: भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण कब लगेगा? जानिए सूतक काल, दृश्यता, सावधानियां और इससे जुड़ी जरूरी जानकारियां
साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है, जो वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. वलयाकार सूर्य ग्रहण साल की सबसे प्रतीक्षित खगोलीय घटनाओं में से एक है, जो सर्व पितृ अमावस्या के साथ मेल खाता है और चंद्र ग्रहण के 15 दिन बाद पड़ रहा है.
Solar Eclipse 2024 Date and Sutak Timings: साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है, जो वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) होगा. वलयाकार सूर्य ग्रहण साल की सबसे प्रतीक्षित खगोलीय घटनाओं (Astronomical Events) में से एक है, जो सर्व पितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) के साथ मेल खाता है और चंद्र ग्रहण के 15 दिन बाद पड़ रहा है. इस ग्रहण में, चंद्रमा सूर्य के केंद्र को ढक लेगा, जिससे उसके किनारों के चारों ओर एक चमकदार 'आग का छल्ला' दिखाई देगा. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण का बहुत महत्व होता है, जिसका हर व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है. सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन होता है. आइए इस लेख में हम विस्तार से वलयाकार सूर्य ग्रहण की तिथि, सूतक काल, ग्रहण की दृश्यता, सावधानियां और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानते हैं.
सूर्य ग्रहण 2024 तिथि और सूतक काल
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण के 15 दिन बाद 2 अक्टूबर को पड़ रहा है. यह ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या के साथ मेल खाता है और खगोलीय व ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसका काफी महत्व है. ग्रहण 2 अक्टूबर को रात 09:13 बजे शुरु होगा और 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि को 3:17 बजे समाप्त होगा. यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा, क्योंकि यह रात में घटित होगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा.
भारत में सूर्य ग्रहण
साल का अंतिम वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, क्योंकि यह ग्रहण रात के समय में लगेगा. भारत में दिखाई न देने की वजह से सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा और न ही अशुभ काल देखा जाएगा. यह भी पढ़ें: Solar Eclipse 2024: कब लग रहा है साल का दूसरा सूर्यग्रहण?, नोट कर लें सूतक काल का समय
सूर्य ग्रहण की दृश्यता
हालांकि भारत में यह खगोलीय घटना दिखाई नहीं देगी, लेकिन दुनिया के अन्य हिस्से यानी अर्जेंटीना, प्रशांत महासागर, आर्कटिक, दक्षिण अमेरिका, पेरू और फिजी में इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा. इन क्षेत्रों में लोग सूर्य ग्रहण के दौरान 'रिंग ऑफ फायर' (Ring of Fire) का अद्भुत नजारा देख सकेंगे.
सावधानियां
ग्रहण के दौरान आंखों की उचित सुरक्षा के बिना सीधे सूर्य की ओर देखने से आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है. ग्रहण को सुरक्षित रूप से देखने के लिए, ग्रहण चश्मे का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, जो विशेष रूप से हानिकारक किरणों को फिल्टर करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं. कभी भी नियमित धूप के चश्मे, दूरबीन या बिना सोलर फिल्टर वाले कैमरे से सूर्य को न देखें, क्योंकि इससे आंखों को स्थायी तौर पर नुकसान पहुंच सकता है.
वलयाकार सूर्य ग्रहण लाइव स्ट्रीमिंग
गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रूप से एक रोमांचक घटना होने का वादा करता है. सूर्य ग्रहण के दौरान दुनिया के कुछ क्षेत्रों में लोग अद्भुत 'रिंग ऑफ फायर' का नजारा देखेंगे, जबकि भारत में लोग इस घटना को नहीं देख पाएंगे, क्योंकि यह रात में घटित होगा.