नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों की भिड़ंत का एक तथाकथि वीडियो वायरल हुआ. जिस वीडियो में पूर्वी लद्दाख में चीनी और भारतीय सैनिक कथित तौर पर आपस में भिड़ते दिखाई देते हैं. वायरल वीडियो के जांच परख और संज्ञान के बाद भारतीय सेना (Indian Army) की तरफ से रविवार को एक बयान जारी कर वीडियो को खारिज किया गया है. सेना के बयान में कहा गया है कि वीडियो में दिख रही चीजें प्रामाणिक नहीं हैं. सिर्फ उत्तरी सीमा पर तनाव को बढ़ाने के लिए एक दुर्भावनापूर्ण वीडियो को जारी किया गया है.
वहीं सेना के बयान में कहा गया, ‘‘हम राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों को सनसनीखेज बनाने के प्रयासों की निंदा करते हैं. मीडिया से आग्रह है कि वह ऐसे दृश्य सामग्री को प्रसारित न करे जिससे सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के खराब होने की आशंका है. सेना की तरफ से कहा गया है कि फिलहाल सब कुछ सामान्य है. यह भी पढ़े: पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के संकेत नहीं, लंबा खिंच सकता है गतिरोध
वहीं इस पूरे मद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी प्रतिक्रया दी हैं. एबीपी न्यूज़ (ABP News) के एक इंटरव्यू में बात करते हुए कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की जा रही हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि पीएलए पेट्रोलिंग करते-करते अपने बिंदु से आगे बढ़ गए. राजनाथ सिंह ने कहा कि उस क्षेत्र को वे अब लोगों के लिए विकसित कर रहे हैं. क्योंकि वह क्षेत्र के अंतर्गत आता है. क्योंकि उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए विकास चाहिए हैं
राजनाथ सिंह ने दूसरे एक अन्य न्यूज चैनेल के इंटरव्यू (Interview) में इस बात को पुष्टि करते हुए कहा कि तनाव को कम करने को लेकर चीन के साथ मिलिट्री और डिप्लोमेटिक तौर पर बात चल रही हैं. इस मुद्दे पर शांति पूर्व तरीके से हल ढूंढा जा रहा है. जो जल्द ही इस मामले को हल कर लिया जायेगा. रक्षा मंत्री ने इंटरव्यू में यह भी बताया कि "मैंने कल अमेरिकी रक्षा सचिव डॉ. मार्क टी एस्परसे बात की. मैंने उनसे कहा कि हमने एक तंत्र विकसित किया है कि अगर भारत और चीन के बीच कोई समस्या पैदा होती है, तो इसका हल सैन्य और राजनयिक (Military and Diplomatic) संवादों के माध्यम से किया जाएगा. हमारे पास वह तंत्र है, और उसके आधार पर, वार्ता चल रही है.