नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को शाहीन बाग प्रदर्शन (Shaheen Bagh Protest) पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोई किसी सार्वजनिक सड़क को ऐसे नहीं बंद कर सकता है. हालांकि शीर्ष कोर्ट ने सड़क खाली करवाने के लिए भी कोई आदेश नहीं जारी किया है. जबकि कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सूनवे करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में विरोध कैसे जारी रख सकते हैं ? आप सार्वजनिक सड़क को अवरुद्ध नहीं कर सकते है. इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, राज्य और संघ सरकारों को नोटिस जारी कर मामलें पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. अब इस मामलें की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, हिंदू शव यात्रा के लिए खोला पुलिस बैरिकेट, देंखे वीडियो
जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम जोसेफ की बेंच ने कहा "लोग विरोध करने के हकदार हैं. लेकिन पूरे शहर को अवरुद्ध नहीं कर सकते है. विरोध कुछ जगहों पर होना चाहिए. सार्वजनिक क्षेत्र पर कोई विरोध अनिश्चित काल तक नहीं किया जा सकता है. हालांकि कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया है.
Shaheen Bagh protest matter: Supreme Court issues notice to Delhi Government & Delhi Police and posts the matter for 17th February. https://t.co/WpMB1EGXf6
— ANI (@ANI) February 10, 2020
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि वह शाहीन बाग में प्रदर्शनों के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद यानि 10 फरवरी को करेगा.
याचिकर्ता ने कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर यातायात की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने 15 दिसंबर से इस सड़क को अवरुद्ध कर रखा है.