26 जनवरी पर बड़े आतंकी हमले की फिराक में था इस्लामिक स्टेट, सुरक्षा एजेंसियों ने फेरा मंसूबों पर पानी, 11 गिरफ्तार
सुरक्षा एजेंसियों ने गणतंत्र दिवस पर देश को दहलाने की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया है. इस संबंध में अब तक 11 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने बताया है कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की नजर दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर है.
नई दिल्ली: सुरक्षा एजेंसियों ने गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर देश को दहलाने की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया है. इस संबंध में अब तक 11 संदिग्ध आतंकियों (Terrorist) को गिरफ्तार किया गया है. वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने बताया है कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की नजर दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर है.
जानकारी के मुताबिक आइएस का एक मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम गणतंत्र दिवस के मौके पर देश को दहलाने की प्लानिंग कर रहा था. लेकिन इससे पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी सतर्कता की बदौलत समय रहते आइएस के मंसूबों पर पानी फेर दिया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंकी गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से पूछताछ के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ा पर्दाफाश किया है.
सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो हमलें के लिए आतंकी संगठन स्थानीय युवाओं को निशान बना रहे है. खुफिया इनपुट के मुताबिक, आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों के निशाने पर बेरोजगार युवा हैं. उनमें भी खासतौर पर हुनरमंद युवाओं को टारगेट पर लिया जाता है. जेहन में भड़काऊ बातें डालकर सोशल मीडिया के जरिये उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे ग्रुप संचालित होने की जानकारी भी खुफिया एजेंसियों को मिली है.
हरकत में आई सुरक्षा एजेंसियों ने इस संबंध में अमरोहा, मेरठ व हापुड़ में 26 दिसंबर से अब तक कई चरणों में छापेमारी कर चुकी है. इस दौरान एनआईए ने 11 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है. खबरों की मानें तो संदिग्धों के मोबाइल, किताबें व अन्य सामग्री से स्पष्ट हो गया कि गणतंत्र दिवस के दिन आत्मघाती हमले की साजिश रची जा चुकी थी. इसके लिए दिल्ली के अलावा उत्तर भारत में भीड़भाड़ वाले स्थानों व सरकारी प्रतिष्ठानों पर सीरियल ब्लास्ट करने की योजना थी.
एनआईए को एक संदिग्ध के मोबाइल और बैग में कुछ ऐसे तथ्य हाथ लगे हैं जो देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक है. आइएस का नया मॉड्यूल 18 जनवरी तक सभी संदिग्धों को हमले वाले स्थानों की रूपरेखा भेजने वाला था. कुछ संदिग्धों को चिह्नित स्थानों की सूची भेज भी दी गई है. सीरियल ब्लास्ट के लिए लाइफ व सुसाइड जैकेट को भी बनाने की तैयारी की जा रही थी.
उत्तर प्रदेश के मेरठ जोन से एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश से एक बार फिर आतंकी कनेक्शन जुड़ा है. संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त कुछ लोग अभी भी पनाह लिए हुए हैं. इस आशंका के मद्देनजर जोन में अलर्ट जारी कर दिया गया है. कोई भी सूचना मिलते ही खुफिया एजेंसियों को अवगत कराया जाएगा.