
संभल, उत्तर प्रदेश: पिछले साल 24 नवंबर को संभल जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद सुर्खियों में आए पुलिस अधिकारी सीओ अनुज चौधरी का तबादला (Sambhal CO Anuj Chaudhary Transferred) कर दिया गया है. उन्हें संभल सर्किल से हटाकर चंदौसी सर्किल का सीओ नियुक्त किया गया है, जो संभल जिले का ही एक अन्य क्षेत्र है.
इस प्रशासनिक फेरबदल के तहत अब संभल सर्किल की कमान सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आलोक भाटी को सौंप दी गई है, जिन्होंने हाल ही में अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है. माना जा रहा है कि यह बदलाव कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और स्थानीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए किया गया है. हालांकि, पुलिस विभाग की ओर से अभी तक इस तबादले को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
विवादित बयान ने बढ़ाई मुश्किलें
सीओ अनुज चौधरी सिर्फ सांप्रदायिक हिंसा को लेकर ही नहीं, बल्कि अपने एक बयान के कारण भी विवादों में आ गए थे. उन्होंने 6 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, "होली साल में एक बार आती है, लेकिन जुमा यानी शुक्रवार की नमाज तो 52 बार होती है." उनका यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और जमकर आलोचना भी हुई.
बयान में उन्होंने आगे कहा था कि अगर किसी को होली के रंगों से असहजता है तो उन्हें उस दिन घर में ही रहना चाहिए. उन्होंने जनता से अपील की थी कि सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार मनाएं और कानून-व्यवस्था का पालन करें. लेकिन उनके इस बयान को कई वर्गों ने एकपक्षीय और असंवेदनशील करार दिया, जिससे स्थानीय असंतोष और बढ़ गया.
तबादला: सज़ा नहीं, संतुलन की नीति
सूत्रों की मानें तो अनुज चौधरी का तबादला एक संतुलित प्रशासनिक निर्णय के तहत किया गया है, ताकि स्थानीय तनाव को कम किया जा सके और क्षेत्र में बेहतर पुलिसिंग सुनिश्चित की जा सके. उन्हें जिले के बाहर नहीं भेजा गया है, जिससे यह संकेत भी मिलता है कि राज्य सरकार ने उन पर पूरी तरह से जिम्मेदारी नहीं डाली है, बल्कि हालात को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
संभल जैसे संवेदनशील जिलों में पुलिस अधिकारियों की भूमिका बेहद अहम होती है. सीओ अनुज चौधरी का तबादला जहां एक ओर विवादों से जुड़ा नजर आता है, वहीं यह प्रशासनिक दृष्टि से कानून-व्यवस्था को संतुलित बनाए रखने की कोशिश भी है.
तबादला: सज़ा नहीं, संतुलन की नीति
सूत्रों की मानें तो अनुज चौधरी का तबादला एक संतुलित प्रशासनिक निर्णय के तहत किया गया है, ताकि स्थानीय तनाव को कम किया जा सके और क्षेत्र में बेहतर पुलिसिंग सुनिश्चित की जा सके. उन्हें जिले के बाहर नहीं भेजा गया है, जिससे यह संकेत भी मिलता है कि राज्य सरकार ने उन पर पूरी तरह से जिम्मेदारी नहीं डाली है, बल्कि हालात को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
संभल जैसे संवेदनशील जिलों में पुलिस अधिकारियों की भूमिका बेहद अहम होती है. सीओ अनुज चौधरी का तबादला जहां एक ओर विवादों से जुड़ा नजर आता है, वहीं यह प्रशासनिक दृष्टि से कानून-व्यवस्था को संतुलित बनाए रखने की कोशिश भी है.