सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की कोशिश कर रही दो महिलाओं को रोका गया, बेंस कैंप में जमा हुए दो हजार भक्त
सबरीमाला मंदिर में हिंसा फैलने से रोकने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई. कुछ श्रद्धालुओं की पुलिस के साथ झड़प होने की भी खबरें हैं.
सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में बुधवार सुबह करीब 30 साल की दो महिलाओं के प्रवेश करने की कोशिश के बाद फिर से हिंसा शुरू हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों महिलाओं को श्रद्धालुओं ने पम्बा (Pamba) के करीब रोक दिया. दोनों महिला पुलिस की सुरक्षा में मंदिर की ओर बढ़ रही थीं लेकिन 6-7 श्रद्धालुओं ने उन्हें बेस कैंप के पास ही रोक दिया और विरोध के कारण महिलाओं को बिना पूजा-अर्चना किए ही लौटना पड़ा. दोनों महिला सुरक्षित हैं और उन्हें निलाक्कल (Nilakkal) ले जाया गया है. इस घटना की खबर फैलते ही करीब 2000 श्रद्धालु पवित्र स्थल पर इकट्ठा हो गए. इसे देखते हुए हिंसा फैलने से रोकने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई. कुछ श्रद्धालुओं की पुलिस के साथ झड़प होने की भी खबरें हैं.
गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर केरल में माहौल शांतिपूर्ण नहीं रह पा रहा. 7 जनवरी तक हिंसा के मामलों में 1869 केस दर्ज किए जा चुके हैं जबकि 5769 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा था कि हर आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में पूजा-अर्चना करने की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराना राज्य सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि वह सबरीमला हिंसा के ‘‘संवैधानिक परिणामों’’ की धमकियों से डरकर घुटने नहीं टेकने वाले.
विजयन ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व से कहा था कि वह केरल में अपने कार्यकर्ताओं से कहे कि वे हिंसा करना बंद करें. मुख्यमंत्री ने यह पोस्ट ऐसे समय में लिखा था जब बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि माकपा नीत एलडीएफ सरकार शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है. यह भी पढ़ें- राफेल डील के ऑडिट की जानकारी देने से CAG का इनकार, कहा- संसद का विशेषाधिकार हनन हो जाएगा
बता दें कि सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पारंपरिक रूप से लगी रोक के खिलाफ आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश और पूजा की अनुमति दे दी थी. तब से मंदिर में प्रवेश को लेकर कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं. केरल सरकार के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के निर्णय के बाद से श्रद्धालुओं ने सबरीमला मंदिर के पास व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किए हैं.