Deoghar Ropeway Accident Update: अंधेरा होने के कारण बचाव कार्य बंद, अब तक 35 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, अभी भी कुछ लोग हैं फंसे
देवघर रोपवे हादसा (Photo Credits ANI)

Deoghar Ropeway Accident Update: देवघर के रोपवे हादसे के बाद ट्रॉलियों में फंसे 35 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है। 25 हजार फीट की ऊंचाई पर चार ट्रॉलियों में 13 से 15 लोग अब भी फंसे हुए हैं. सोमवार शाम करीब पांच बजे एयरलिफ्ट किये जाने के दौरान नीचे गिर जाने से एक युवक की मौत हो गयी. इसके बाद अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है. मंगलवार सुबह से ऑपरेशन फिर शुरू होगा. हादसे में अब तक तीन लोगों की जान चली गयी है. एक दर्जन लोग जख्मी हुए हैं, जबकि रेस्क्यू किये गये लोगों में आधा दर्जन लोग बीमार हो गये हैं.  इन सभी का देवघर के स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है.

बता दें कि देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रविवार शाम करीब पांच बजे रोपवे का सैप टूटजाने से 24 में से 23 ट्रॉलियों पर सवार कुल लगभग 90 लोग पहाड़ी और खाई के बीच में फंस गये थे. इनमें से 28 लोगों को रविवार को ही एनडीआरफ और स्थानीय युवकों ने रस्सियों और हेलिकॉप्टर के जरिए सुरक्षित निकाल लिया था, जबकि पहाड़ी के निचले हिस्से की ट्रॉलियों में फंसे 20-25 लोग खुद किसी तरह निकल पाने में कामयाब रहे। बाकी तकरीबन 50 लोग ट्रॉलियों में फंसे हुए थे, जिनमें से 35 लोगों को सोमवार को बाहर निकाला गया है. जिनलोगों को नई जिंदगी मिली है, उनका कहना है कि सेना के जवानों ने देवदूत बनकर उन्हें बचाया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में कई स्थानीय नौजवानों ने भी भरपूर सहयोग किया. यह भी पढ़े: Deoghar Ropeway Accident: 21 घंटे बाद भी हवा में रोपवे पर लटक रही 40 से ज्यादा जिंदगियां, 2 की मौत, बुलाये गए गरुड़ कमांडो (VIDEO)

सोमवार को चलाये गये रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तेज हवा और रोपवे के तारों की वजह से भारी परेशानी हुई। इस वजह से सेना के हेलिकॉप्टरों को कई बारट्रॉली के नजदीक पहुंच कर भी वापस लौटना पड़ा। तमाम परेशानियों और खतरों के बावजूद सेना के जवान निरंतर रेस्क्यू में लगे रहे. कई ट्रॉलियां ऐसी जगहों पर फंसी थीं, जहां आस-पास चट्टानें थीं. खतरा यह था कि ट्रॉलियों के पास पहुंचने के दौरान कहीं इन चट्टानों से न टकरा जाये। कई ट्रॉलियों में फंसे लोगों तक ड्रोन के जरिए बिस्किट-पानी पहुंचाया गया, लेकिन कुछ ट्रॉलियों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई.

इस हादसे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की नजर बनी हुई है. मंत्रालय की ओर से सोमवार को कई बार अपडेट लिया गया.  स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को हादसे के तुरंत बाद गृह मंत्री को इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम एक घंटे के भीतर ही मौके पर पहुंच गई थी। रविवार रात को अंधेरे की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक देना पड़ा था. सोमवार सुबह छह बजे से वायुसेना के दो एमआई-17 हेलिकॉप्टरों के जरिए ऑपरेशन शुरू हुआ. सेना के जवान हेलिकॉप्टर से रस्सी के सहारे लटककर एक-एक ट्रॉली तक पहुंचे और एक-एक व्यक्ति को बाहर निकाला.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर जिला स्थित त्रिकूट पर्वत के रोपवे का तार टूटने से हुए हादसे पर गहरा दुख जताया है. रांची एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस हादसे के बाद युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है.  एनडीआरएफ और बचाव दल के द्वारा लोगों को सकुशल निकालने का प्रयास किया जा रहा है.  घटना पर सरकार की पूरी नजर है.  सोमवार को झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता, पर्यटन मंत्री हफीजुल अंसारी भी मौके पर पहुंचे.  स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे, जिले के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री सहित कई आला अधिकारी रविवार शाम से ही घटनास्थल पर मौजूद रहे.