मुम्बई , 22 जून : शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के 'हिंदुत्व' के एजेंडे को पार्टी के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने बखूबी भुनाया है, जिससे उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार की कुर्सी खतरे में पड़ गई है. बागी विधायकों की अगुवाई कर रहे एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को ट्वीट किया, "हम बाला साहेब के वफादार शिवसैनिक हैं. बाला साहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया. हम सत्ता के लिए बाला साहेब और 'धर्मवीर' आनंद दिघे की सीख से कभी समझौता नहीं करेंगे."
शिंदे के बागी तेवर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिवसेना की दरार अब खाई बन गई है, जिसका एक पक्ष भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने को तैयार है तो दूसरा पक्ष राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ खड़ा है. मंगलवार को गुजरात के सूरत में विधायकों के साथ डेरा जमाये शिंदे बुधवार को असम की राजधानी गुवाहाटी चले गए हैं. उन्होंने दावा किया है कि उन्हें 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जबकि महाविकास अघाड़ी के कई नेता इस दावे को चुनौती दे चुके हैं. शिवसेना में हुई इस बगावत ने भारतीय जनता पार्टी की सत्ता हासिल करने की उम्मीदें जगा दी हैं, जिससे पूरे खेमे में हलचल मची है. भाजपा मंगलवार से महाराष्ट्र में शिंदे के सहयोग से सरकार बनाने की संभावनाओं पर मंथन कर रही है. यह भी पढ़ें : महिला ने अपने पति की मौत के दो साल बाद उनके बच्चे को दिया जन्म
इस बीच शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने ट्वीट करके जल्द ही विधानसभा भंग किए जाने के संकेत दिये हैं. उन्होंने मीडिया से कहा कि ज्यादा से ज्यादा क्या होगा. हमारी सरकार गिर जाएगी. हम हमेशा सत्ता में लौट सकते हैं, लेकिन पार्टी की छवि ही सबकुछ है. संजय राउत के इस बयान को लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, वरिष्ठ नेता पूथ्वीराज चवाण और अन्य नेताओं ने खारिज करते हुए कहा है कि विधानसभा भंग किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने दावा किया कि सरकार स्थिर है.