RG Kar Hospital Doctors Resigns: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लगी इस्तीफों की झड़ी, 50 से अधिक डॉक्टरों ने छोड़ी नौकरी
कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों ने आज सामूहिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों ने आज, मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024, को सामूहिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह कदम उन डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जो अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं. अभया की मृत्यु 9 अगस्त को अस्पताल में हुई थी.
डॉक्टरों ने लिखा पत्र
डॉक्टरों ने अपने सामूहिक इस्तीफे का कारण बताते हुए मेडिकल शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार के सचिव को संबोधित करते हुए पत्र लिखा. उन्होंने पत्र में कहा कि उन्होंने हमेशा मरीजों को सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का प्रयास किया है, लेकिन वर्तमान स्थिति ने गुणवत्तापूर्ण इलाज देना मुश्किल कर दिया है.
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की सेहत तेजी से बिगड़ रही है और सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाने में असमर्थ दिख रही है. डॉक्टरों ने कहा, "हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे हड़ताली डॉक्टरों के साथ तुरंत समझौता करें."
अस्पताल में गंभीर स्थिति
यह सामूहिक इस्तीफा तब सामने आया है जब अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर स्थिति की मांग हुई तो वे व्यक्तिगत रूप से भी इस्तीफा दे सकते हैं. अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों का यह कदम स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा रहा है, खासकर तब जब सरकार और डॉक्टरों के बीच समझौते की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.
भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की हालत लगातार खराब हो रही है, जिससे अस्पताल में कार्य करने का माहौल तनावपूर्ण हो गया है. डॉक्टर अभया की हत्या और बलात्कार के मामले में अब तक न्याय नहीं मिल पाया है, जिससे डॉक्टरों के बीच गुस्सा और निराशा बढ़ रही है.
इस मामले में सरकार की तरफ से अभी कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे ने राज्य में चिकित्सा सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. अब देखने वाली बात होगी कि सरकार कैसे इस मुद्दे को सुलझाती है और हड़ताली डॉक्टरों की मांगों को कितनी जल्दी पूरा करती है. इस घटनाक्रम ने पूरे राज्य के स्वास्थ्य तंत्र को हिलाकर रख दिया है और मरीजों के लिए इलाज की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.