नई दिल्ली: देशभर में 72वां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) मनाया जा रहा है. इस अवसर पर कोरोना से जुड़ी गाइडलाइंस का पालन करते हुए राजपथ पर ऐतिहासिक परेड निकाली जाएगी. दिल्ली के राजपथ (Rajpath) पर आज सुबह 10 बजे से परेड निकलनी है, साथ ही दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर किसानों की ट्रैक्टर रैली भी है. गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. किसानों की ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राजपथ और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर हजारों सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है.
राजपथ पर आज देश की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विरासत के अद्भुत झलक देखने को मिलेगी. कोरोना के चलते परेड कार्यक्रम को छोटा किया गया है, लेकिन भारत की संस्कृति की भव्यता पहले जैसे ही होगी और देश के पराक्रम और शौर्य की गर्जना पूरी दुनिया में सुनाई देगी. Republic Day 2021: देश मना रहा 72वां गणतंत्र दिवस, पीएम मोदी, अमित शाह ने देशवासियों को दी बधाई.
पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में राफेल लड़ाकू विमानों की उड़ान के साथ टी-90 टैंकों, समविजय इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली, सुखोई-30 एमके आई लड़ाकू विमान अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेंगे. परेड के दौरान थल सेना अपने मुख्य जंगी टैंक टी-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन बीएमपी-दो सरथ, ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, रॉकेट सिस्टम पिनाका, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली समविजय समेत अन्य का दमखम प्रदर्शित करेगी. गणतंत्र दिवस की परेड सहित अन्य कार्यक्रम को आप घर बैठे दूरदर्शन पर देख सकते हैं लाइव.
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियों, रक्षा मंत्रालय की छह झांकियों अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और अर्द्धसैनिक बलों की नौ झांकियों समेत 32 झांकियों में देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, आर्थिक उन्नति और सैन्य ताकत की आन बान शान नजर आएगी.
इस बार 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में -गुजरात, असम, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और लद्दाख की झांकी पेश की जाएगी.
राजपथ पर बांग्लादेश सैन्य बल की 122 सदस्यीय टुकड़ी भी कदमताल करेगी. "बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी, बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं की विरासत को आगे बढ़ाएगी जिन्होंने लोगों पर दमन और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठायी थी और बांग्लादेश को 1971 में आजादी दिलायी."