Republic Day 2019: मोदी सरकार ने खत्म की ब्रिटिश काल की प्रथा, अब मार्शल ट्यून की जगह होगा शंखनाद
भारतीय गणतंत्र के 70 वर्ष के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब भारतीय सेना के जवानों की ‘मार्शल धुन’ भी भारतीय ही होगी, जिसे किसी सेना के कैडर का न होकर एक सामान्य महिला द्वारा संगीतबद्ध किया गया है.
स्वतंत्र भारत का 70वां गणतंत्र दिवस समारोह कई मायनों में खास होगा. इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में बहुत कुछ पहली बार होने वाला है. भारतीय गणतंत्र के 70 वर्ष के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब भारतीय सेना के जवानों की ‘मार्शल धुन’ भी भारतीय ही होगी, जिसे किसी सेना के कैडर का न होकर एक सामान्य महिला द्वारा संगीतबद्ध किया गया है. इसके साथ ही इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर शंखनाद भी सुनाई देगा. इस साल पहली बार भारतीय सेना के लिए शंखनाद की धुन बजेगी. सेना के मार्च पास्ट के दौरान यह धुनें सभी देशवासियों के मन में साहस और जोश का भाव जागृत करेगी. भारतीय सेना के बैंड की विशेषता के रूप में पहचानी जाने वाली ‘मार्शल ट्यून’ को नागपुर की संगीतकार प्रो. डॉ. तनूजा नाफडे ने संगीतबद्ध किया है.
दरअसल इंडियन आर्मी में अब तक वेस्टर्न म्यूजिक की धुन गुंजती थी. जवानों को वेस्टर्न म्यूज़िक का ही ट्रेनिंग दिया जाता रहा. अब तक ब्रिटिश म्यूज़िक को लेकर ही इंडियन बैंड के गाने तैयार किए गए लेकिन महार रेजिमेंट में सबसे पहले यह बात सामने आई. तभी जनरल ओक ने डॉ. तनूजा नाफडे से संपर्क किया और इंडियन ट्यून बनाने की बात की. यह भी पढ़ें- Republic Day 2019: 26 जनवरी 1950 को भारत में लागू हुआ था संविधान, जानिए इसके निर्माता डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर से जुड़ी कुछ खास बातें
भारतीय सेना की ‘मार्शल ट्यून'
रिटायर्ड ब्रिगेडियर विवेक सोहेल ने ‘देश को आंच न आए’ यह गाना तैयार किया और उसकी धुन डॉ नाफडे ने रची. यही धुन अब पूरी सेना के लिए खास बन गई है. डॉ तनूजा नाफडे द्वारा बनाई गई वह धुन ‘देश को आंच न आने दी, रौंदा अरी को बार-बार’ अब सेना की ‘मार्शल ट्यून’ बन गई है. दिल्ली के मानेकशाह सभागार में गत वर्ष 7 अक्टूबर को सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और अन्य सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में ‘शंखनाद’ मार्शल ट्यून राष्ट्र को समर्पित की गई थी. अब उसे भारतीय सेना की मार्शल धुन का दर्जा मिल गया है.
शनिवार को गणतंत्र दिवस परेड की शुरूआत इसी शंखनाद मार्शल धुन से होगी. इसके बाद शेष अन्य धुनें बजेंगी. शंखनाद स्वतंत्र भारत की ही नहीं बल्कि विश्व की पहली मार्शन ट्यून है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित है. शंखनाद की संगीत रचना राग बिलसखनी तोडी, राग भैरवी और राग किरवानी पारंपरिक रागों का संयोजन है. तीनों रागों को मिलाकर बने संगीत को वेस्टर्न बीट्स, वेस्टर्न कार्ड और वेस्टर्न हार्मनी के साथ वीर और करुण रस के भावों को जगाने के लिए इस्तेमाल किया गया है.
70वां गणतंत्र दिवस होगा बेहद खास
'डीआरडीओ के दो डिफेंस प्रॉजेक्ट- मध्यम दूरी की सर्फेस टु एयर मिसाइल और अर्जुन आर्म्ड रिकवरी ऐंड रिपेयर वीइकल, जिनका अभी ट्रायल चल रहा है, उनका भी इस परेड में पहली बार प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा सर्फेस माइन क्लीयरिंग व्हीकल का भी पहली बार प्रदर्शन होगा.' 'राजपथ पर फ्लाईपास्ट के दौरान 32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पहली बार बायो फ्यूल से उड़ान भरेंगे.
इस बार आर्मी में शामिल किए गए नए हथियारों के अलावा महिला अर्द्धसैनिक बल द्वारा मार्च और सभी पुरुष टीमों का नेतृत्व महिला ऑफिसर करेंगी. परेड का मुख्य आकर्षण सेना की महिला शक्ति भी होगी. पहली बार महिला अर्द्धसैनिकों की टुकड़ी परेड में हिस्सा लेगी. यह टुकड़ी असम राइफल का हिस्सा है, जो देश का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल है. इस टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर करेंगी.