Reliance Communications Fraud Case: एसबीआई के बाद बैंक ऑफ इंडिया ने भी अनिल अंबानी समेत रिलायंस कम्युनिकेशन के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया
Reliance Power And Reliance Infra Shares Locked In Lower Circuit After ED Raids On Mumbai And Delhi Offices.

मुंबई, 24 अगस्त : भारतीय स्टेट बैंक की ओर से रिलायंस कम्युनिकेशन के अकाउंट्स को फ्रॉड घोषित करने के बाद बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने भी रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस टेलीकॉम समेत प्रमोटर अनिल अंबानी के अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया है. बैंक ने आरोप लगाया है कि इन लोन से फंड का उपयोग निर्धारित उद्देश्य से अलग कार्यों के लिए किया गया. इस नोटिस में कंपनी से जुड़े हुए कई अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं. कंपनी ने फाइलिंग में कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशन को 8 अगस्त की तारीख का एक पत्र बैंक ऑफ इंडिया से 22 अगस्त, 2025 को मिला है.

रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड को भेजे नोटिस में बीओआई ने कहा है कि अनिल धीरजलाल अंबानी और मंजरी आशिक कक्कड़ के लोन अकाउंट को 724.78 करोड़ रुपए के बकाया लोन के लिए 'फ्रॉड' के रूप में चिह्नित किया गया है. कंपनी द्वारा साझा किए गए पत्र में, बैंक ऑफ इंडिया ने कहा, "उधारकर्ता का खाता 30 जून 2017 को 724.78 करोड़ रुपए के बकाया के साथ एनपीए हो गया. बैंक, बकाया राशि के भुगतान के लिए उधारकर्ताओं और गारंटरों से संपर्क कर रहा है, लेकिन वे बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रहे हैं और लापरवाही बरत रहे हैं." यह भी पढ़ें : क्या अस्पतालों में बंद हो जाएगी कैशलेस सुविधा, मरीजों को खुद चुकाना होगा बिल? स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी धारकों के लिए चिंताजनक खबर

रिलायंस टेलीकॉम को भेजे गए नोटिस में, बैंक ऑफ इंडिया ने 51.77 करोड़ रुपए के लोन चूक के लिए कंपनी के खाते के साथ-साथ निदेशकों ग्रेस थॉमस और सतीश सेठ के खातों को भी 'फ्रॉड' करार दिया है. इस मामले में अन्य लोगों में गौतम भाईलाल दोषी, दगदुलाल कस्तूरीचंद जैन और प्रकाश शेनॉय शामिल हैं. शनिवार को अनिल अंबानी के आवास पर सीबीआई द्वारा छापेमारी की गई थी. इस पर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अनिल अंबानी सभी आरोपों को सख्ती से नकारते हैं और पूरे सम्मान के साथ कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से अपना पक्ष रखेंगे.

बयान में कहा गया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दर्ज की गई शिकायत एक दस साल पुराना मामला है. उस समय अनिल अंबानी केवल नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (गैर-कार्यकारी निदेशक) की भूमिका में थे और कंपनी के दैनिक संचालन से उनका कोई लेना-देना नहीं था. प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि एसबीआई ने इसी मामले में पांच अन्य गैर-कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई वापस ले ली थी, लेकिन अनिल अंबानी को विशेष रूप से निशाना बनाया गया है. यह एकपक्षीय रवैया समझ से परे है.

बयान में आगे कहा गया कि वर्तमान में रिलायंस कम्युनिकेशंस की जिम्मेदारी क्रेडिटर्स की एक कमेटी के पास है, जिसका नेतृत्व एसबीआई कर रही है और इसे एक रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) की निगरानी में चलाया जा रहा है. यह मामला पिछले छह वर्षों से नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) और अन्य न्यायिक मंचों, जिसमें सुप्रीम कोर्ट भी शामिल है, के सामने लंबित है.