RBI से केंद्र सरकार को मिलेंगे 1.76 लाख करोड़ रुपये, बिमल जालान कमेटी की सिफारिश पर लगी मुहर
आरबीआई (Photo Credits: PTI)

मुंबई. रिजर्व बैंक (RBI) ने विमल जालान समिति की सिफारिशों को अमल में लाते हुये सोमवार को रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये का लाभांश और अधिशेष आरक्षित कोष सरकार को हस्तांतरित करने का फैसला किया. इससे नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) को राजकोषीय घाटा बढ़ाये बिना सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी. केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में रिजर्व बैंक (RBI) के निदेशक मंडल ने 1,76,051 करोड़ रुपये सरकार को हस्तांतरित करने का निर्णय किया है. इसमें 2018-19 के लिये 1,23,414 करोड़ रुपये का अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्रावधान के रूप में चिन्हित किया गया है. अतिरिक्त प्रावधान की यह राशि आरबीआई की आर्थिक पूंजी से संबंधित संशोधित नियमों (ईसीएफ) के आधार पर निकाली गयी है.

रिजर्व बैंक (RBI) के निदेशक मंडल ने बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया है. समिति को यह तय करने को कहा गया था कि केंद्रीय बैंक के पास कितनी आरक्षित राशि होनी चाहिए. सरकार की तरफ से वित्त सचिव राजीव कुमार इस समिति में शामिल थे. समिति ने 14 अगस्त को अपनी रपट को अंतिम रूप दिया था. यह भी पढ़े-निर्मला सीतारमण ने कहा-भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर और FPI के कैपिटल गेन्स से सरचार्ज खत्म होगा, जानिए 10 बड़ी बातें

आरबीआई से प्राप्त राशि से सरकार को अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के प्रयासों में मदद मिलेगी. उल्लेखनीय है कि देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पांच वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गयी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिये पिछले सप्ताह विभिन्न कदमों की घोषणा की. हालांकि, सरकार की कोशिश राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 प्रतिशत पर सीमित रखने की है.

 

रिजर्व बैंक 2013- 14 से ही अपनी खर्च योग्य आय में से 99 प्रतिशत राशि सरकार को देता आया है. सरकार को राजकोषीय घाटे को अंकुश में रखने के लिये काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

(भाषा इनपुट के साथ)