RBI Monetary Policy Results: आरबीआई ने 6.5% पर बरकरार रखा रेपो रेट, अभी नहीं बढ़ेगी आपके Loan की EMI!
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. यानी रेपो रेट पुरानी दर 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रहेगा. ये लगातार पांचवीं बार है जब रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है. आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था.
RBI Monetary Policy Results: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. यानी रेपो रेट (Repo Rate) पुरानी दर 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रहेगा. ये लगातार पांचवीं बार है जब रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है. आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था. रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं. एक्सपर्ट्स ने भी रेपो रेट की पुरानी दर बरकरार रहने का अनुमान लगाया था. विशेषज्ञों ने मुद्रास्फीति (Inflation) के नियंत्रण में होने और आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) की रफ्तार संतोषजनक होने के आधार पर यह अनुमान जताया था. यह भी पढ़ें- क्यूआर कोड स्कैन करते वक्त कभी ना करें ये गलतियां, नहीं तो होगा भारी नुकसान; फ्रॉड से बचाएंगी ये टिप्स
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मई 2022 में रेपो रेट चार फीसदी पर था, जो फरवरी 2023 आते-आते 6.50 फीसदी पर पहुंच गया था. हालांकि, इसके बाद से ये यथावत रखा गया है. बता दें कि आरबीआई की एमपीसी में तीन बाहरी और तीन अंदरुनी सदस्य हैं. बाहरी सदस्यों के तौर पर शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं जबकि अंदरूनी सदस्यों में गवर्नर शक्तिकांत दास, कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन और डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा शामिल हैं.
जानिए क्या है रेपो रेट
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति समीक्षा पर लोन लेने वालों की सबसे ज्यादा नजर होती है. दरअसल, इसमें रेपो रेट को लेकर निर्णय लिया जाता है, जो सीधा उनके लोन पर असर डालता है. अगर आरबीआई रेपो रेट में इजाफा करता है, तो फिर Loan EMI भी बढ़ जाता है और रेपो रेट घटने पर EMI कम हो जाता है.