वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार (Ravish Kumar) ने एनडीटीवी से इस्तीफा दे दिया है. रवीश कुमार अब दर्शकों को NDTV पर नजर नहीं आएंगे. अब वे अपने यू- ट्यूब चैनल के जरिए दर्शकों से जुड़ेंगे. रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा, 'माननीय जनता, मेरे होने में आप सभी शामिल हैं. आपका प्यार ही मेरी दौलत है. आप दर्शकों से एकतरफा और लंबा संवाद किया है. अपने यू- ट्यूब चैनल पर. यही मेरा नया पता है. सभी को गोदी मीडिया की गुलामी से लड़ना है. NDTV खरीदना हमारा दायित्व, सरकार सही करे तो उसे दिखाया जाना चाहिए: गौतम अडानी.
रवीश कुमार ने अपने दर्शकों को बताया, "मैंने इस्तीफा दे दिया है. यह इस्तीफा आपके सम्मान में है. आप दर्शकों का इकबाल हमेशा बुलंद रहे. आपने मुझे बनाया. आप ने मुझे सहारा दिया. करोड़ों दर्शकों का स्वाभिमान किसी की नौकरी और मजबूरी से काफी बड़ा होता है. मैंने आपके प्यार के आगे नतमस्तक हूं."
रवीश कुमार ने कही दिल की बात
माननीय जनता,
मेरे होने में आप सभी शामिल हैं। आपका प्यार ही मेरी दौलत है। आप दर्शकों से एकतरफ़ा और लंबा संवाद किया है। अपने यू- ट्यूब चैनल पर। यही मेरा नया पता है। सभी को गोदी मीडिया की ग़ुलामी से लड़ना है।
आपका
रवीश कुमार https://t.co/39BKNJdoro
— ravish kumar (@ravishndtv) December 1, 2022
बता दें कि इससे पहले चेयरपर्सन प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने एनडीटीवी बोर्ड से इस्तीफा दिया था. रवीश कुमार का इस्तीफा प्रणय रॉय और राधिका रॉय के आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद आया है. हालांकि, रॉय दंपति के पास प्रवर्तक के रूप में एनडीटीवी में अब भी 32.26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और उन्होंने समाचार चैनल के निदेशक मंडल से इस्तीफा नहीं दिया है.
क्यों हुए NDTV में इतने इस्तीफे
NDTV में हुई इस बड़ी उथल-पुथल का कारण यह है कि अडानी ग्रुप इस न्यूज चैनल के अधिग्रहण के करीब पहुंच चुका है. अडाणी समूह ने आरआरपीआर का अधिग्रहण किया था. आरआरपीआर की एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
दरअसल रॉय दंपति ने 2009 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ी एक कंपनी से 400 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण लिया था. यह कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) थी. इस कर्ज के बदले वीसीपीएल को वॉरंट को आरआरपीआर होल्डिंग्स के शेयर में बदलने का अधिकार मिल गया था. आरआरपीआर होल्डिंग्स के पास एनडीटीवी की 29.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
अडानी समूह ने अगस्त में वीसीपीएल का अधिग्रहण कर लिया था और उसने वॉरंट को शेयरों में बदलने की बात रखी थी. एनडीटीवी के प्रवर्तकों ने शुरुआत में इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि उनके साथ इस पर बातचीत नहीं हुई है. लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में उन्होंने इसकी अनुमति दे दी. इससे वीसीपीएल के पास आरआरपीआर होल्डिंग की 99.5 प्रतिशत हिस्सेदारी आ गई.
वीसीपीएल के अधिग्रहण के बाद अडाणी समूह द्वारा एनडीटीवी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए खुली पेशकश लाई गई है. यह पेशकश 22 नवंबर को खुली है और पांच दिसंबर को बंद होगी. अडानी समूह का प्रयास एनडीटीवी के अल्पांश शेयरधारकों से 1.67 करोड़ शेयर या 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का है. खुली पेशकश सफल होने के बाद अडानी समूह की समाचार चैनल में 55 प्रतिशत से अधिक की नियंत्रक हिस्सेदारी हो जाएगी और संभवत: यह रॉय दंपति को चैनल के बोर्ड से बाहर करने का प्रयास करेगा.