Who is Mohini Mohan Datta: रतन टाटा ने सब को चौकाया! वसीयत में मोहिनी मोहन नाम के शख्स के लिए छोड़ गए ₹500 करोड़; जानें कौन हैं वह खुशनसीब
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Who is Mohini Mohan Datta:  रतन टाटा (Ratan Tata) अब इस दुनिया नहीं हैं. लेकिन जाते-जाते उन्होंने एक ऐसे शख्स को जिसे शायद हर कोई नहीं जनता होगा. उसके नाम एक दो करोड़ नहीं बल्कि 500 रुपये की वसीयत कर गए. जिसके बारे में अब खुलासा हुआ है. दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की संपत्ति को लेकर हाल में खोली गई वसीयत के मुताबिक रतन टाटा ने अपनी रेसिडुएल एस्टेट का एक तिहाई हिस्सा अपने करीबी 74 वर्षीय मोहिनी मोहन दत्ता को दिया है. रेसिडुएल एस्टेट में बैंक खातों में जमा राशि और पर्सनल आइटम्स की नीलामी से मिलने वाली रकम शामिल है.

 

मोहिनी मोहन दत्ता कौन हैं?

मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के रहने वाले एक ट्रैवल व्यवसायी हैं. उनका परिवार 'स्टैलियन' नामक ट्रैवल एजेंसी चलाता था, जिसका 2013 में ताज ग्रुप ऑफ होटल्स के साथ विलय हुआ था. इस विलय के बाद, दत्ता परिवार की स्टैलियन में 80 फीसदी हिस्सेदारी थी, जबकि 20 फीसदी हिस्सेदारी टाटा इंडस्ट्रीज के पास थी. मोहिनी मोहन दत्ता टीसी ट्रैवल सर्विसेज के डायरेक्टर भी रहे हैं. यह भी पढ़े: Ratan Tata Will: रतन टाटा की 10 हजार करोड़ की वसीयत, डॉग ‘TITO’ से लेकर शांतनू के साथ स्टाफ का भी रखा ध्यान

 

रतन टाटा और मोहिनी मोहन दत्ता का संबंध

रतन टाटा और मोहिनी मोहन दत्ता का संबंध लगभग 60 वर्षों पुराना है.उनकी पहली मुलाकात 1960 के दशक में जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई थी, जब रतन टाटा 24 वर्ष के थे. तब से लेकर अब तक, दोनों के बीच गहरा दोस्ताना संबंध रहा है.

 

वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता का हिस्सा

रतन टाटा की वसीयत के अनुसार, उनकी रेसिडुएल एस्टेट का एक तिहाई हिस्सा मोहिनी मोहन दत्ता को मिलेगा. इसमें बैंक खातों में जमा राशि और व्यक्तिगत वस्तुओं की नीलामी से प्राप्त धन शामिल है. हालांकि, दत्ता ने इस हिस्से को स्वीकार किया है, लेकिन वे लगभग 650 करोड़ रुपये की उम्मीद कर रहे हैं. रतन टाटा की वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता का नाम आना टाटा परिवार के लिए एक आश्चर्य की बात है, क्योंकि वे पारिवारिक सदस्य नहीं हैं.

रतन टाटा 9 अक्टूबर 2024 को दुनिया को कहा अलविदा

टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष और पद्म विभूषण रतन टाटा का पिछले साल 9 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे. रतन टाटा को उनके अद्वितीय नेतृत्व और उद्योग जगत में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा.