अयोध्या से आई बड़ी खबर, रामनवमी तक तंबू से मुक्त होंगे रामलला
अयोध्या में रामलला को जल्द ही तिरपाल और तंबू से मुक्ति मिल सकती है. राम मंदिर ट्रस्ट भगवान के लिए फिलहाल एक अस्थायी मंदिर बनाने पर विचार कर रहा है.
नई दिल्ली: अयोध्या (Ayodhya) में रामलला (Ramallah) को जल्द ही तिरपाल और तंबू से मुक्ति मिल सकती है. 'राम मंदिर ट्रस्ट' भगवान के लिए फिलहाल एक अस्थायी मंदिर बनाने पर विचार कर रहा है. सूत्रों के अनुसार, जब तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक इस अस्थायी मंदिर में ही रामलला के दर्शन-पूजन की व्यवस्था रहेगी. केंद्र की ओर से गठित 'राम मंदिर ट्रस्ट' और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर कदम उठाए जा रहे हैं. इसी क्रम में दो अप्रैल को रामनवमी तक रामलला जन्मस्थली में एक अस्थायी मंदिर निर्माण की तैयारी की जा रही है.
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल (Vinod Bansal) ने आईएएनएस से कहा, "उम्मीद है कि दो अप्रैल (रामनवमी) तक यह अस्थायी मंदिर बन जाएगा. प्रस्तावित भव्य मंदिर से पहले अस्थायी मंदिर बनने से श्रद्धालुओं को रामलला का दर्शन करने में काफी सुविधा होगी. अभी तक 56 फिट की दूरी से वे दर्शन कर पाते हैं, अस्थायी मंदिर बनने पर यह दूरी घटकर 26 फिट हो जाएगी." उन्होंने कहा कि गर्भगृह के आसपास ही कहीं सुविधाजनक स्थल पर यह अस्थायी मंदिर बनेगा. भव्य मंदिर बनने तक यहीं पर दर्शन-पूजन की व्यवस्था होगी. बाकी नक्शे के अनुसार प्रस्तावित भव्य मंदिर योजना के अनुसार आगे बनता रहेगा.
गौरतलब है कि अयोध्या में रामलला अब तक तिरपाल और तंबू में हैं. यहां पहुंचकर दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को करीब एक से डेढ़ किलोमीटर संकरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. बीमार व बुजुर्ग व्यक्तियों को काफी परेशानी होती है. अगर एक बार कोई व्यक्ति इस रास्ते में पंक्ति में लगा तो फिर लघुशंका या अन्य किसी परेशानी पर पीछे लौटने में दिक्कत होती है. जूते-चप्पल भी उतारने की व्यवस्था नहीं है, जिससे लोग जूते पहनकर दर्शन करने को मजबूर हैं.
श्रद्धालुओं को 52 फीट की दूरी से दर्शन करने होते हैं. तिरपाल और तंबू के कारण अंदर अंधेरा होता है और सिर्फ एक दीपक जलता ही दिखता है. इससे श्रद्धालु ठीक से दर्शन नहीं कर पाते. सुरक्षा के मद्देनजर अभी भक्त भगवान को भोग भी नहीं लगा पाते.