अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर (Ram Mandir) के भूमि पूजन को लेकर लोगों की अगल-अलग प्रतिक्रया सामने आ रही है. कोरोना संकट काल में राम मंदिर निर्माण के 'भूमि पूजन' (Bhoomi Pujan) को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) की भी प्रतिक्रया आई है. उन्होंने अपने बयान में कहा की कोरोना संकट काल में भूमि पूजन को टाला जा सकता था. मनसे प्रमुख ने कहा कि कोरोना संकट काल में इसकी जरूरत नहीं थी. इसे दो महीने बाद जब देश में कोरोना को लेकर माहौल सामान्य हो जाता तक इसे किया जाता तो अच्छा रहता. तब अन्य लोग भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते थे.
मनसे प्रमुख राज ठाकरे इस बात को उन्होंने एक मराठी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान कही. उन्होंने अपने बयान में सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के उस सुझाव को भी नकारा, जिसमें उन्होंने ई-भूमि पूजन करवाने की बात कही थी. मनसे प्रमुख ने कहा कि भूमि पूजन को इस तरह नहीं किया जाता, इसे अच्छे उल्लास के साथ ही करना चाहिए था. यह भी पढ़े: राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान: शिवसेना ने किया मोदी सरकार के फैसले का समर्थन, ओवैसी ने कह दी ये बात
Maharashtra Navnirman Sena chief Raj Thackeray said the 'bhoomi pujan' for Ram temple in Ayodhya, scheduled for August 5, is not required amid the COVID-19 pandemic and can be organised later when things normalised
— Press Trust of India (@PTI_News) July 31, 2020
राज ठाकरे से पहले एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी भूमि पूजा का विरोध कर चुके हैं. हालांकि उन्होंने पीएम मोदी के बारे में कहा था कि बतौर प्रधानमंत्री अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का शामिल होना प्रधानमंत्री के संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा.
बता दें कि राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होने जा रहा है. जिस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ ही करीब दो सौ लोग भूमि पूजन समारोह में मौजूद रहने वाले हैं. ट्रस्ट की तरफ से कहा गया है भूमि पूजन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को पूरी तरह से पालन किया जाएगा.