Ram Mandir: अयोध्या में पत्थर की बनेगी भगवान राम की मूर्ति, 2023 तक पूरा हो जाएगा पहले तल का निर्माण
अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. अभी तक करीब 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. अभी तक करीब 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. गर्भ गृह की दीवारें पूरी हो चुकी हैं. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा "पिलर, बीम के ऊपर छत का काम लगभग अक्टूबर में खत्म हो जाएगा. दुनिया के सबसे लंबे सफर पर रवाना हुआ गंगा विलास क्रूज, जानें इसकी सभी बड़ी बातें
उन्होंने कहा कि 2023 में ग्राउंड फ्लोर का काम हो जाएगा. खंभों और दीवारों पर करीब 7000 मूर्तियां बननी है उसके लिए मूर्तिकार ढूंढने का काम किया जा रहा है. विद्वानों का विचार है कि राम लला की मूर्ति खड़ी होनी चाहिए. ये लगभग 5.5 फीट का होगा. भगवान राम की मूर्ति पत्थर की बनेगी. राम के जीवन के 100 प्रसंग पत्थरों में उभारे जाएंगे. चारो ओर बनने वाले परकोटा की खुदाई शुरू हो गई है..चार कोने पर चार मंदिर होंगे."
चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह के आसपास की दीवारें तैयार हो गई हैं, मंदिर की भाषा में इन दीवारों को मंडोवर कहा गया है, यह दीवार भी पत्थरों की ऊंचाई के साथ चल रही हैं, गर्भगृह के चारों ओर की दीवार के बाद परिक्रमा मार्ग भी बराबर-बराबर ही ऊंचाई पर ले जाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि गर्भगृह में सफेद पत्थर लगा हुआ है, वो मकराना का मार्बल है... गर्भगृह की दीवार भी मार्बल की होंगी, खंभे भी मार्बल के होंगे और फर्श भी मार्बल का होगा, गर्भगृह को छोड़कर पांच मंडप और होंगे, तीन मंडप प्रवेश द्वार से गर्भगृह की ओर और दो मंडप अगल-बगल होंगे, ये दोनों कीर्तन मंडप होंगे.
चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण संतोषजनक गति से आगे बढ़ रहा है, हमारे कारीगर दिनरात काम कर रहे हैं, अक्टूबर 2023 तक राम मंदिर का पहला फेज पूरा हो जाएगा, एक से 14 जनवरी 2024 के बीच कभी भी प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है, भगवान राम की मूर्ति के लिए पत्थरों का चुनाव जारी है, मंदिर निर्माण में मकराना के पत्थर का उपयोग हो रहा है.