पीएम मोदी वर्चुअली झंडी दिखाकर गंगा विलास क्रूज डिब्रूगढ़ के लिए रवाना करेंगे. आने वाले दिनों में पर्यटक इस रिवर क्रूज का आनंद ले सकते हैं. ये रिवर क्रूज भारत के लिए रिवर क्रूज पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा. इस लेख में हम गंगा विलास रिवर क्रूज और इससे पर्यटन के क्षेत्र में होने वाले फायदों पर एक नजर डालेंगे.
गंगा विलास क्रूज को बनारस सोमवार को ही आना था, लेकिन घने कोहरे और खराब मौसम के कारण इसे राजघाट पुल से लगभग आठ किलोमीटर पहले जनपद चंदौली के रौना गांव के समीप रोक दिया गया था. मौसम साफ होने पर इसे मंगलवार को वाराणसी के लिए रवाना किया गया.
3,200 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर डिब्रूगढ़ जाएगा क्रूज
जानकारी के मुताबिक क्रूज 32 स्विस पर्यटकों को लेकर 13 जनवरी को वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगा. करीब 3200 किलोमीटर के इस लंबे सफर में क्रूज उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम होते हुए कुल 27 नदियों से गुजरेगा. लगभग 51 दिन में क्रूज डिब्रूगढ़ पहुंचेगा.
क्रूज में पर्यटकों के लिए क्या है खास ?
क्रूज में पर्यटकों के रहने के लिए कुल 18 सुइट्स हैं. साथ में एक 40 सीट का रेस्टोरेंट, स्पा रूम और 3 सनडेक हैं. साथ में म्यूजिक की भी व्यवस्था है. गंगा विलास क्रूज का संचालन अंतरा लग्जरी रिवर क्रूज सर्विस करेगा.
दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज
उल्लेखनीय है कि एमवी गंगा विलास रिवर क्रूज दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है. यह रिवर क्रूज भारत को दुनिया के रिवर क्रूज मानचित्र में स्थान दिलाएगा. इसके लॉन्च होने के साथ रिवर क्रूज की विशाल अप्रयुक्त क्षमता के इस्तेमाल की शुरुआत होगी. गंगा विलास क्रूज अपनी तरह का पहली क्रूज सेवा है. इसकी सफलता से उद्यमियों को देश के अन्य हिस्सों में रिवर क्रूज का लाभ उठाने के लिए उत्साहित होने की संभावना है.
रोजगार के अवसर
केवल इतना ही नहीं देश में रिवर क्रूज पर्यटन के विकास से इस क्षेत्र में देश के अन्य भीतरी इलाकों में भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे. सरकार देश में रिवर क्रूज पर्यटन की सफलता के लिए क्षमता निर्माण के लिए पूंजीगत व्यय कर रही है. देश में इस क्षेत्र के अधिकतम प्रदर्शन और तेजी से विकास के लिए नदी पर्यटन सर्किट को मौजूदा पर्यटन सर्किट के साथ विकसित और एकीकृत किया जाएगा.
रिवर क्रूज का वैश्विक बाजार
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अब वो दिन दूर नहीं जब भारत रिवर क्रूज का वैश्विक बाजार बनेगा. वैश्विक रिवर क्रूज बाजार की बात करें तो यह पिछले कुछ वर्षों में 5% की दर से बढ़ा है और 2027 तक इसकके 37% तक पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में भारत इस दिशा में नई संभावनाएं तलाशने में लगा है. फिलहाल, भारत में, कोलकाता और वाराणसी के बीच 8 नदी क्रूज जहाजों का संचालन होता है. राष्ट्रीय जलमार्ग 2 (ब्रह्मपुत्र) पर क्रूज की आवाजाही भी संचालित होती है. राष्ट्रीय जलमार्ग 2 पर 10 यात्री टर्मिनलों का निर्माण किया जा रहा है जो रिवर क्रूज की संभावना को और बढ़ा देगा. वर्तमान में, राष्ट्रीय जलमार्ग 2 में चार नदी क्रूज जहाज काम कर रहे हैं.