अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मध्यस्थता के जरिए हल तलाशने की कवायद आज से शुरू हो रही है. अयोध्या मामले को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमिटी के सदस्य मंगलवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं. बुधवार से मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. टीम स्पेशल हेलिकॉप्टर से यहां पहुंचेगी. डीएम अनुज झा का कहना है कि कमिटी के सदस्य श्री श्री रवि शंकर, रिटायर्ड जस्टिस कलीफुल्ला और श्रीराम पंचू अवध यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में ठहरेंगे. इस गेस्ट हाउस में विशेष इंतजाम किए गए हैं. कमिटी के सदस्यों के रुकने और मध्यस्थता के लिए अलग-अलग कमरे तैयार किए गए हैं.
अयोध्या विवाद मामले में मध्यस्थता की रूपरेखा आज से तैयार होगी. चुनावी माहौल में मध्यस्थता की शुरुआत से राजनैतिक सरगर्मी में तेजी देखने को मिलेगी. इस बीच, यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट गेस्ट हाउस के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. यहां यूनिवर्सिटी स्टाफ और मीडियाकर्मियों को जाने की अनुमति नहीं होगी. माना जा रहा है कि पैनल के सदस्य अयोध्या में तीन दिन तक रुकेंगे. तीन दिनों की बातचीत के आधार पर आगे का कार्यक्रम तय किया जाएगा. यह पैनल इस मामले के पक्षकारों से भी बातचीत करेगा. यह भी पढ़ें- अयोध्या विवाद: जानें कौन हैं जस्टिस इब्राहिम खल्लीफुल्ला, श्री श्री रविशंकर और श्रीराम पंचू जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सौंपा मध्यस्थ का जिम्मा
जानकारी के मुताबिक आईईटी कैंपस के गेस्ट हाऊस में सभी पक्षकारों के साथ पैनल गोपनीय वार्ता कर सकता है. बता दें कि बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि विवाद के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए तीन सदस्यीय टीम नियुक्त की है. यह टीम मंगलवार को विशेष विमान से अयोध्या पहुंचेगी और इस विवाद पर बातचीत से हल निकालने की कोशिश करेगी.
मध्यस्थता को लेकर दोनों पक्षों सहित संत-धर्माचार्यों की राय अलग-अलग है. मुस्लिम पक्ष के इकबाल अंसारी ने जहां मध्यस्थता से मामले के समाधान की उम्मीद कम जताते हैं, वहीं हाजी महबूब सहित महंत धर्मदास व निर्मोही अखाड़ा मध्यस्थता का स्वागत करते हुए वार्ता को तैयार हैं. जबकि विश्व हिंदू परिषद सहित रामनगरी के संत-धर्माचार्यों ने स्पष्ट कर दिया गया है कि हम कोर्ट का तो सम्मान करते हैं, लेकिन राममंदिर के नाम पर कोई समझौता नहीं होगा.