यूपी: डॉक्टर ने राखी श्रीवास्तव को पहले फंसाया अपने प्रेम जाल में, फिर उतारा मौत के घाट
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर(Gorakhpur) में लव, सेक्स और मर्डर का एक मामला सामने आया है. गोरखपुर के प्रसिद्द आर्यन हॉस्पिटल के मालिक डॉ. डीपी सिंह को यूपी एसटीएफ (STF) ने शुक्रवार को प्रेमिका राखी श्रीवास्तव की नेपाल में हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है...
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) में लव, सेक्स और मर्डर का एक मामला सामने आया है. गोरखपुर के प्रसिद्द आर्यन हॉस्पिटल के मालिक डॉ. डीपी सिंह को यूपी एसटीएफ (STF) ने शुक्रवार को प्रेमिका राखी श्रीवास्तव की नेपाल में हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. हत्या की इस वारदात को अंजाम देने में मदद करनेवाले डॉ. सिंह के दो कर्मचारियों को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. इन कर्मचारियों ने जुर्म कबूल भी किया और बताया कि राखी को पोखरा में पहाड़ से खाई में ढकेल दिया गया था. शुक्रवार 21 दिसंबर को यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने इस पूरे मामले से पर्दा उठाया के कैसे राखी डॉक्टर के प्रेम जाल में फंसी, कैसे उनका प्रेम परवान चढ़ा और शादी तक पहुंचा. और कैसे उसका अंत मर्डर के रूप में हुआ. शाहपुर क्षेत्र के बिछिया की रहने वाली राजेश्वरी उर्फ राखी श्रीवास्तव जून में रहस्यमय हाल में लापता हो गई थी. 4 जुलाई को राखी के भाई ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई. और अपनी बहन के गायब होने का आरोप उसके पहले पति पर लगाया.
जांच के दौरान पुलिस को डॉक्टर डीपी सिंह पर शक हुआ. मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स की जांच के बाद पता चला, जिस वक्त राखी गायब हुई थी उसका लोकेशन नेपाल था. एसटीएफ टीम ने नेपाल से जानकारी जुटाई तो वहां 08 जून को एक युवती की लाश मिलने की बात सामने आई. एसटीएफ ने उसकी पहचान राखी के रूप में करने के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया. आईजी ने बताया कि एक से चार जून तक राखी की मोबाइल लोकेशन नेपाल में थी.
राखी को मारने की 5 बार कोशिश की गई थी लेकिन हर बार डॉक्टर नाकामयाब हो गया. वह अपने पति मनीष सिन्हा के साथ फ्लाइट से नेपाल गई थी. राखी नेपाल में ही रुक गई और मनीष लौट आया उसी दौरान राखी से बातचीत के बाद डॉ. डीपी सिंह भी अपने दो कर्मचारी प्रमोद कुमार सिंह और देशदीपक के साथ नेपाल पहुंच गए थे. वो तीनो राखी को लेकर पोखरा गए वहां उसे शराब में नशीली दवा पिलाकर पहाड़ से ढकेल कर उसकी हत्या कर दी.
आईजी ने बताया कि साल 2006-07 में राखी के पिता हरेराम श्रीवास्तव की तबीयत खराब हो गई थी. उन्हें डॉ. डीपी सिंह के हास्पिटल में भर्ती कराया गया था. पिता की देखभाल करने के लिए राखी उनके साथ रही. इस बीच डॉक्टर से उसकी नजदीकियां बढ़ी और मुलाकात का दौर बढ़ने के साथ ही उनके बीच संबंध स्थापित हो गए. इसके बाद राखी ने पत्नी का दर्जा देने का दबाव बनाना शुरू किया तो फरवरी 2011 में डॉ. डीपी सिंह ने गोण्डा के एक मंदिर में राखी से चुपके से शादी कर ली, इस शादी के बारे में उस समय डॉ. डीपी सिंह की पहली पत्नी ऊषा सिंह को जानकारी नहीं थी. इसलिए डॉक्टर ने राखी को रहने के लिए एक अलग से मकान खरीदकर दिया था. दोनों को इस शादी से एक बेटी भी पैदा हुई जिसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
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डॉक्टर की पहली पत्नी को इस बारे में पता चला तो उसने बवाल किया, जिसके डॉक्टर ने राखी से किनारा कर लिया. इसके बाद राखी ने डॉक्टर के खिलाफ महिला थाने में रेप का मुकदमा भी दर्ज कराया था. डॉक्टर डीपी सिंह से संबंध खत्म होने के बाद राखी ने वर्ष 2016 के फरवरी में बिहार के रहने वाले मनीष सिन्हा से दूसरी शादी कर ली. वहीं डॉक्टर और उनकी पत्नी ऊषा सिंह में विवाद शुरू हो गया, इसके बाद डॉक्टर ने राखी से एक बार फिर नजदीकी बढ़ा ली. राखी डॉक्टर को ब्लैकमेल भी करने लगी थी.
डॉक्टर डीपी सिंह ने राखी को अपने रास्ते से हटाने के लिए पांच बार योजना बनाई और हर बार नाकामयाब हुए. जिसके बाद उन्होंने अपने ड्राइवर प्रमोद कुमार सिंह और कर्मचारी देशदीपक की मदद ली. ऐसा करने के लिए डॉक्टर ने कर्मचारियों को उनकी सैलरी में पांच हजार रुपये बढ़ाने की लालच दी थी. जब राखी अपने पति के साथ नेपाल पहुंची तब डॉक्टर को जानकारी हो गई उसने मिलने के लिए कहा तो राखी ने पति को यह कहते हुए भेज दिया कि वह अभी यहां रुकेगी उसे और काम है. पति चला गया उसके बाद डॉ. अपने कर्मचारियों के साथ नेपाल पहुंच गए.
पूछताछ के बाद पता चला की आरोपियों ने सोशल मीडिया पर उसे जिंदा रखने की कोशिश की थी. उन्होंने राखी का मोबाइल अपने पास रख लिया था. और नए-नए अपडेट्स करके पुलिस और उसके परिवारवालों को गुमराह करने की कोशिश भी की.