राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश, अनपढ़ ड्राइवरों का ड्राइविंग लाइसेंस किया जाए रद्द
हाईकोर्ट ने परिवहन अधिकारियों को कहा है कि वे इस संबंध में उचित निर्देश और गाइडलाइन जारी करें. इतना ही नहीं, कोर्ट ने अधिकारियों को उन मामलों में भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जहां पढ़ने और लिखने में असमर्थ व्यक्तियों को लाइसेंस जारी किए गए थे.
राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने निरक्षर व्यक्तियों को जारी किए गए सभी लाइट मोटर व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) को रद्द करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अनपढ़ ड्राइवर हाईवे और सड़कों पर लगी हुई सूचनाओं व संकेतों को समझ नहीं पाते हैं. इस कारण वे सड़कों पर चलने वाले दूसरे लोगों के लिए खतरा होते हैं.
हाईकोर्ट ने परिवहन अधिकारियों को कहा है कि वे इस संबंध में उचित निर्देश और गाइडलाइन जारी करें. इतना ही नहीं, कोर्ट ने अधिकारियों को उन मामलों में भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जहां पढ़ने और लिखने में असमर्थ व्यक्तियों को लाइसेंस जारी किए गए थे. अदालत ने सरकार से आदेश की रिपोर्ट एक महीने में देने को कहा है.
कोर्ट ने कहा कि सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए, जो न केवल लाइसेंस धारकों, बल्कि सड़क का उपयोग करने वाले अन्य लोगों के लिए भी फायदेमंद हो. सरकार ऐसे निरक्षर लोगों को लाइसेंस जारी नहीं करे जो हाइवे सहित अन्य रोड पर यातायात के संबंध में लगे हुए साइन बोर्ड को ही नहीं समझ सकें.
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश मंगलवार को दीपक सिंह की याचिका को खारिज करते हुए दिया. प्रार्थी ने याचिका में कहा था कि उसे वर्ष 2006 में एलएमवी श्रेणी का वाहन लाइसेंस जारी किया गया था. उसने मालवाहन का लाइसेंस लेने के लिए विभाग में आवेदन किया, लेकिन विभाग ने आठवीं कक्षा पास होने की शर्त होने का हवाला देते हुए लाइसेंस जारी करने से इनकार कर दिया. याचिका में गुहार की गई कि उसे मालवाहन का लाइसेंस जारी किया जाए.
केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) में गैर-वाणिज्यिक हल्के मोटर वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए न्यूनतम योग्यता का कोई प्रावधान नहीं है. कोई भी व्यक्ति टेस्ट पास करके ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर सकता है, जिसे ट्रैफिक साइन और अन्य रोड सेफ्टी के मानक के बारे में पता है. हालांकि कॉमर्शियल वाहन चलाने के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 8वीं पास करना जरूरी है.