राजस्थान विधानसभा चुनाव2018: सियासी गहमागहमी के बीच बीजेपी ने 4 मंत्रियों को पार्टी से निकाला
राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों में बगावत अपना झंडा बुलंद कर रही है
राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों में बगावत अपना झंडा बुलंद कर रही है. इसी बीच में बीजेपी ने अपनी पार्टी के चार मंत्रियों को बाहर का रस्ता दिखा दिया है. इसके अलावा पार्टी ने 11 बागी नेताओं को पार्टी से निष्काषित कर दिया है. वसुंधराजे के इस फैसले के बाद पार्टी में सुगबुगाहट तेज होने लगी है. वहीं बागी नेताओं के तेवर में कोई कमी नजर नहीं आ रही है.
वसुंधरा राजे ने जिन नेताओं को पार्टी से निष्काषित किया है उनके नाम, सुरेंद्र गोयल, लक्ष्मीनारायण दुबे, श्रीगंगानगर से राधेश्याम गंगवार, अलवर से हेमसिंह भड़ाना, दीनदयान कुमावत, बीकानेर से किशनराम नाई, बांसवाडा से धनसिंह रावत और चूरू से राजकुमार रिणवां, रामेश्वर भाटी, जयपुर से कुलदीप धनकड़, डूंगरपुर से अनिता कटारा का नाम शामिल हैं. इन सभी ने पार्टी से टिकट न मिलने पर बागी तेवर अपना लिया था.
यह भी पढ़ें:- राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018: PM मोदी 10 चुनावी सभाओं को करेंगे संबोधित
बीजेपी में बगावत का सिलसिला जारी
राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उन्होंने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है. वहीं और इस बार के चुनाव में मानवेंद्र सिंह वसुंधरा राजे के खिलाफ मैदान में उतर गए थे. मानवेंद्र ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और बाद में महासचिव अशोक गहलोत और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और अन्य नेताओं की मौजूदगी पार्टी में शामिल हुए थे.
इसके अलावा वसुंधरा की सरकार में मंत्री रहे सुरेंद्र गोयल ने इस्तीफा दे दिया था. वहीं नागौर के विधायक हबीबुर रहमान ने भी पार्टी छोड़ दी थी. फिलहाल बीजेपी अपनी जीत को लेकर दम तो भर रही है लेकिन अगर नाराजगी का दौर न थमा तो पार्टी को भारी पड़ सकता है.