राजा मान सिंह के फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी पूर्व डीएसपी कान सिंह भाटी की मौत
राजस्थान पुलिस के 82 वर्षीय पूर्व पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) कान सिंह भाटी की मौत हो गई है। उन्हें भरतपुर के शाही वंशज राजा मान सिंह के '35 साल पहले किए गए एनकाउंटर' के लिए हाल ही में 10 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. भाटी की मौत जयपुर के एक अस्पताल में हुई. मथुरा जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने संवाददाताओं से कहा कि कान सिंह भाटी को पेट से जुड़ी समस्या होने के बाद 8 सितंबर को मथुरा के जिला अस्पताल में रेफर किया गया था.
मथुरा (उत्तर प्रदेश), 13 सितम्बर. राजस्थान पुलिस के 82 वर्षीय पूर्व पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) कान सिंह भाटी की मौत हो गई है। उन्हें भरतपुर के शाही वंशज राजा मान सिंह के '35 साल पहले किए गए एनकाउंटर' के लिए हाल ही में 10 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. भाटी की मौत जयपुर के एक अस्पताल में हुई. मथुरा जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने संवाददाताओं से कहा कि कान सिंह भाटी को पेट से जुड़ी समस्या होने के बाद 8 सितंबर को मथुरा के जिला अस्पताल में रेफर किया गया था. फिर उन्हें आगरा के एस.एन.मेडिकल कॉलेज भेजा गया. इसके बाद भी जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में भेजा गया। वहां शनिवार तड़के उनकी मौत हो गई.
मैत्रेय ने बताया कि जिला अस्पताल भेजे जाने से पहले उनका कोविड परीक्षण किया गया था और वह निगेटिव आया था। जयपुर में पोस्टमार्टम होने के बाद उनका शव परिजनों को दे दिया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में हुई एमआरआई में उनके शरीर में खून के थक्के पाए गए थे. भाटी को मथुरा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश साधना रानी द्वारा 22 जुलाई को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद मथुरा की जिला जेल में रखा गया था. इस मामले में न्यायाधीश ने तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी और एसएचओ वीरेंद्र सिंह को आईपीसी की धारा 302 और 148 के तहत दोषी माना था. वहीं तीन अन्य पुलिसकर्मी हरि किशन, कान सिंह सिरवी और गोविंद राम पर आईपीसी की धारा 218 के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह भी पढ़ें-Kandivali Road Accident Caught on Video: मुंबई के कांदिवली में WEH पर ददर्नाक हादसा, रोड पर रखे बैरिकेडिंग के गिरने से बाइक पर पीछे बैठे युवक की ट्रक के नीचे आकर मौत
बता दें कि राजा मान सिंह को 1985 में तत्कालीन राजस्थान के मुख्यमंत्री शिव चरण माथुर के हेलीकॉप्टर को अपनी जीप से दुर्घटनाग्रस्त करने के एक दिन बाद मुठभेड़ में मार दिया गया था. माथुर भरतपुर में सेवानिवृत्त नौकरशाह विजेंद्र सिंह के प्रचार के लिए गए थे। सिंह को कांग्रेस पार्टी ने 7 बार के निर्दलीय विधायक मान सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा था. राजा मान सिंह इस बात से नाराज थे कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ बैठक से पहले कांग्रेस कार्यकतार्ओं ने उनके पोस्टर फाड़ दिए थे.