लंदन: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को यहां खुद के प्रधानमंत्री दावेदार होनेपर बड़ा बयान दिया. इस मुद्दे राहुल ने भारतीय पत्रकार संघ से खुलकर बात की. राहुल गांधी से जब पीएम बनने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा कि फिलहाल वह अभी इस बारे में कुछ नहीं सोच रहे है.
राहुल गांधी ने लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के साथ बातचीत के दौरान कहा, फिलहाल मैं इस बारे में नहीं सोच रहा हूं. मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं. मुझमें यह बदलाव 2004 के बाद आया है. मैंने महसूस किया है कि भारत और भारतीयता पर एक खतरा मंडरा रहा है और मैं उसे ही बचाने की कोशिश कर रहा हूं."
इस दौरान राहुल ने कई दूसरे गंभीर मुद्दों पर जवाब दिया. जब राहुल गांधी से डोकलाम मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "चीनी सैनिक अभी भी डोकलाम में हैं और उन्होंने वहां बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है. प्रधानमंत्री हाल ही में चीन गए और उन्होंने डोकलाम पर कोई चर्चा नहीं की। कोई यहां आ गया है, आपको थप्पड़ मारता है और आपके पास चर्चा के लिए कोई एजेंडा नहीं है."
इसके अलावा 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह पीड़ितों के साथ हैं और हिंसा के दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए. राहुल ने कहा, "यदि किसी के खिलाफ हिंसा होती है, तो उसके लिए एक कानूनी प्रक्रिया है. कानूनी प्रक्रिया हर हाल में चलनी चाहिए और जिन लोगों ने हिंसा की है, उन्हें कानून के मुताबिक दंडित किया जाना चाहिए..और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करूंगा."
राहुल गांधी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब एक दिन पहले उन्होंने ब्रिटिश संसद में एक चर्चा के दौरान पूछे गए एक प्रश्न से असहमति जताई थी, जिसमें पूछा गया था कि क्या कांग्रेस 1984 के सिख विरोधी दंगे में शामिल थी.