नई दिल्ली: भाजपा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा कर वहां तनाव बढ़ाया है और प्रशासन को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पर मजबूर होना पड़ा है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "13 जून से आज तक स्थिति बहुत शांत थी. किसी की मौत की सूचना नहीं थी. दुर्भाग्य से आज सुबह इम्फाल में एक मौत की सूचना मिली. हम स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए काम कर रहे हैं. हमें क्षुद्र राजनीतिक खेल नहीं खेलना चाहिए."
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी के मणिपुर दौरे का मकसद अशांति फैलाना था. बावजूद इसके कि राज्य के लोग उनकी यात्रा का विरोध कर रहे थे, उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया और यात्रा जारी रखी. Rahul Gandhi Manipur Visit: राहुल गांधी का काफिले रोके जाने पर मणिपुर पुलिस और भीड़ के बीच हुई झड़प, देखें VIDEO
पात्रा ने राहुल गांधी पर प्रशासन की सलाह को नजरअंदाज कर शांति को तनाव में बदलने का आरोप लगाया. उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा उनकी यात्रा के खिलाफ नहीं है. पात्रा ने कहा, "संवेदनशीलता जिद से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. हम एक लोकतांत्रिक देश हैं, और किसी ने उन्हें मणिपुर का दौरा करने से नहीं रोका. हालांकि, मणिपुर के प्रशासन ने हमें सूचित किया कि जब से राहुल की यात्रा की खबर सामने आई है, इसके खिलाफ कई विरोध-प्रदर्शन हुए हैं."
पात्रा ने कहा कि मणिपुर में पुराने मुद्दे हैं और जो कुछ भी हो रहा है वह इन्हीं मुद्दों का परिणाम है. उन्होंने यह भी दावा किया कि इन मुद्दों के लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है.
पात्रा ने आरोप लगाया, "राहुल गांधी सुबह करीब 11 बजे इम्फाल हवाईअड्डे पर पहुंचे. हमने उनसे केवल हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर और राहत शिविर का दौरा करने का अनुरोध किया, क्योंकि लोग सड़कों पर उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. अप्रिय घटनाओं की आशंका थीं, जिनसे हम बचना चाहते थे. राहुल गांधी से इस बात पर विचार करने के लिए अनुरोध किया गया था कि अगर उन्होंने सड़क मार्ग से यात्रा करना चुना तो विरोध-प्रदर्शन के मामले में प्रशासन कैसे शांति बनाए रखेगा। लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी.''
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मणिपुर यात्रा के बाद चुराचांदपुर और अन्य स्थानों तक पहुंचने के लिए मणिपुर में तीन स्थानों पर हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू की गईं. पात्रा ने कहा, "लेकिन गांधी को 'प्यार की दुकान' खोलने की जल्दी थी. ठीक वही हुआ जिसका हमें डर था. लोग हाथों में तख्तियां लेकर सड़कों पर उमड़ पड़े और राहुल गांधी को वापस जाने को कहा. भारी विरोध के कारण उनके काफिले को विष्णुपुर में रोकना पड़ा. अब वह लौट रहे हैं. अगर उन्होंने हमारी बात मानी होती और हेलीकॉप्टर से यात्रा की होती, तो स्थिति तनावपूर्ण नहीं होती.''
पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस नेता की वजह से प्रशासन को हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. उनके व्यवहार को बेहद गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए भाजपा नेता ने कहा कि गांधी को अधिक जिम्मेदार और संवेदनशील होना चाहिए था.