Rahul Gandhi: नफरत करने वालों और देश में विभाजन फैलाने वालों के अलावा भारत जोड़ो यात्रा में सबका स्वागत है
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में कांग्रेस ने अपनी प्रस्तावित भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सिविल सोसाइटी के सदस्यों के साथ बैठक की.सदस्यों द्वारा पूंछे गए सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नफरत करने वालों और देश में विभाजन फैलाने वालों के अलावा भारत जोड़ो यात्रा में सबका स्वागत है.
दिल्ली (delhi) के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में कांग्रेस (congress) ने अपनी प्रस्तावित भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सिविल सोसाइटी के सदस्यों के साथ बैठक की.सदस्यों द्वारा पूंछे गए सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि नफरत करने वालों और देश में विभाजन फैलाने वालों के अलावा भारत जोड़ो यात्रा में सबका स्वागत है. यह भी पढ़े : Bihar: पटना में CM नीतीश कुमार के काफिले पर पथराव, 3-4 गाड़ियों के टूटे शीशे, यहां देखिए VIDEO
राहुल गांधी के साथ बैठक में मौजूद सिविल सोसायटी के लोगों ने करीब डेढ़ घंटे सवाल जवाब किए. सूत्रों के मुताबिक एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मेरे साथ कोई चले या ना चले मैं अकेला चलूंगा. राहुल गांधी ने देश के अलग अलग राज्यों से आए लोगों से कहा कि सिविल सोसायटी को भी कांग्रेस के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करना चाहिए.सूत्रों ने बताया की राहुल गांधी ने आगे कहा कि देश की राजनीति पोलोराइज हो गई है.हम अपनी यात्रा में बताएंगे कि कैसे एक तरफ संघ की विचारधारा है और दूसरी तरफ हम लोगों की सबको साथ जोड़ने की विचारधारा है. हम इस विश्वास को लेकर यात्रा शुरू कर रहे हैं, कि भारत के लोग तोड़ने की नहीं जोड़ने की राजनीति चाहते हैं.
बैठक के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मीडिया से बातचीत में बताया कि राहुल गांधी से 30-40 सवाल किए गए और उन्होंने सभी का जवाब दिया. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा राजनीति से प्रेरित नहीं है.उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने तीन मुख्य बिंदु बताए हैं. इनमें आर्थिक चुनौतियां, राजनीतिक चुनौतियां और सामाजिक चुनौतियां शामिल हैं, जिनसे आज देश जूझ रहा है. इसी को लेकर सभी लोग जो संविधान को मानते हैं, उनसे इस यात्रा में जुड़ने की अपील की गई है.गौरतलब है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा सितंबर में शुरू हो रही है. कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक ये यात्रा होगी. ये यात्रा 3500 किलोमीटर का सफर और लगभग 12 राज्यों से होकर गुजरेगी.इस दौरान कांग्रेस पदयात्रा और रैलियां करेगी.