कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद फीचर फोटोग्राफी के लिए 3 फोटोग्राफरों को Pulitzer पुरस्कार, डार यासीन, मुख्तार खान और चन्नी आनंद को मिला सम्मान

एसोसिएटेड प्रेस के तीन फोटोग्राफरों डार यासीन, मुख्तार खान और चन्नी आनंद कश्मीर में फीचर फोटोग्राफी के लिए 2020 पुलित्जर पुस्कार से सम्मानित किया गया है. इन तीन फोटोग्राफरों को कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद फीचर फोटोग्राफी के लिए यह सम्मान दिया गया है.

पुलित्जर पुरस्कार (Photo Credits: Twitter)

श्रीनगर: एसोसिएटेड प्रेस (Associated Press) के तीन फोटोग्राफरों डार यासीन (Dar Yasin), मुख्तार खान (Mukhtar Khan) और चन्नी आनंद (Channi Anand) को कश्मीर में फीचर फोटोग्राफी के लिए 2020 पुलित्जर पुस्कार (Pulitzer Prize) से सम्मानित किया गया है. इन तीन फोटोग्राफरों को कश्मीर (Kashmir) में अनुच्छेद 370 (Article 370) हटने के बाद फीचर फोटोग्राफी (Feature Photography)  के लिए यह सम्मान दिया गया है. दरअसल, पत्रकारिता और कला में पुलित्जर पुरस्कारों की घोषणा सोमवार को की गई, जिसे कोरोना वायरस प्रकोप के चलते स्थगित कर दिया गया था. कश्मीरवाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, डार यासीन और मुख्तार खान श्रीनगर के रहने वाले हैं, जबकि चन्नी आनंद जम्मू जिले के रहने वाले हैं.

साल 2019 के अगस्त महीने में पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को निरस्त कर दिया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य में फोन और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था. यहां महीनों तक कर्फ्यू लगा रहा और इस मुश्किल हालात में इन तीनों फोटोग्राफर्स ने फीचर फोटोग्राफी की थी.

तीन फोटोग्राफर्स को पुलित्जर पुरस्कार

इस दौरान तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित हजारों लोगों की नजरबंदी और गिरफ्तारियां हुई थी. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को सात महीने की नजरबंदी के बाद कुछ समय पहले ही रिहा किया गया था. इंटरनेट ब्लैकआउट और अन्य संचार माध्यमों को बंद किए जाने के बाद इन भारतीय फोटो जर्नलिस्टों ने दुनिया को यह दिखाने के तरीके ढूंढे कि अनुच्छेद 370 हटने और कर्फ्यू लगने के दौरान कश्मीर में क्या हो रहा था. यह भी पढ़ें: अमेरिकी समाचार पत्र कैपिटल गजेट की गोलीबारी घटना के बाद पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते 20 अप्रैल को होने वाले पुलित्जर समारोह को स्थगित कर दिया गया था. ज्ञात हो कि पत्रकारिता में पुलित्जर पुरस्कार पहली बार 1917 में दिया गया था और इसे अमेरिका में फील्ड का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है.

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