गर्मजोशी के साथ ऐसे गले मिले पीएम मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस बिन सलमान, देखें Video
सऊदी अरब के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान और पीएम मोदी (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने तमाम प्रोटोकॉल को परे रख खुद एयरपोर्ट जाकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान (Mohammed bin Salman) का स्वागत किया. सलमान अपने दो दिवसीय दौरे के तहत मंगलवार को नई दिल्ली पहुंचे. एयरपोर्ट पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी अगवानी की. पीएम मोदी ने जोरदार स्वागत करने के बाद उन्हें गर्मजोशी के साथ गले लगाया. इस दौरान उनके साथ विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह भी थे.

अपने भारत यात्रा के दौरान सऊदी अरब के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान दोनों देशों के रिश्ते को और प्रगाढ़ करने वाले है. इस दौरान पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का विषय एक प्रमुख मुद्दा रहेगा. साथ ही दोनों देश रक्षा संबंधों में बढ़ोतरी पर भी चर्चा करेंगे जिसमें संयुक्त नौसेना अभ्यास शामिल है.

सऊदी अरब के शाहजादे ऐसे समय में भारत की यात्रा पर आ रहे हैं जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. इससे पहले सलमान पाकिस्तान दौरे पर थे, जहां उन्होंने 20 अरब डॉलर के समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, सऊदी अरब के शाहजादे पीएम मोदी के निमंत्रण पर भारत आए हैं. भारत का यह उनका पहला सरकारी दौरा होगा. उनके साथ अधिकारियों और कारोबारियों का एक बड़ा शिष्टमंडल भी होगा. इस दौरान पीएम मोदी के साथ उनकी शिष्टमंडल स्तर की बैठक हैदराबाद हाऊस में होगी. साथ ही उनके सम्मान में भोज दिया जायेगा. वह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे.

विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टी एस त्रिमूर्ति के अनुसार, सऊदी नेता के दौरे में दोनों पक्षों के बीच निवेश, पर्यटन, आवास और सूचना तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में पांच समझौतों पर दस्तखत होने की उम्मीद है. इस दौरे से भारत-सऊदी द्विपक्षीय संबंधों में नये अध्याय की शुरुआत होगी.

भारत और सऊदी अरब का द्विपक्षीय कारोबार साल 2017-18 में 27.48 अरब डालर रहा है. सऊदी अरब, भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है. सऊदी अरब ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के लिये एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो कच्चे तेल के संबंध में 17 प्रतिशत और एनपीजी के संबंध में 32 प्रतिशत जरूरतों की आपूर्ति करता है.

(भाषा इनपुट के साथ)