शांति प्रयासों के लिए राष्ट्रपति पुतिन ने की PM मोदी की तारीफ, यूक्रेन के साथ सीजफायर पर दिया बड़ा बयान

मॉस्को/नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पहली बार अमेरिका द्वारा यूक्रेन में 30 दिन के युद्धविराम के प्रस्ताव पर टिप्पणी की. एक प्रेस वार्ता के दौरान, उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य वैश्विक नेताओं का आभार व्यक्त किया कि वे यूक्रेन संघर्ष पर ध्यान दे रहे हैं, जबकि उनके पास अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी हैं.

पुतिन ने कहा, "सबसे पहले, मैं अमेरिका के राष्ट्रपति श्री ट्रंप को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने यूक्रेन संकट के समाधान पर इतना ध्यान दिया. हम सभी के पास कई मुद्दे हैं, लेकिन चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति इस विषय पर समय दे रहे हैं. हम इसके लिए आभारी हैं क्योंकि यह युद्ध को रोकने और मानव जीवन की रक्षा करने के लिए एक नेक प्रयास है."

पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश – "भारत शांति के पक्ष में" 

पिछले महीने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ एक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि "भारत तटस्थ नहीं है, भारत शांति के पक्ष में है." उन्होंने कहा कि "मैंने पहले भी राष्ट्रपति पुतिन से कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है. मैं राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा किए गए प्रयासों का समर्थन करता हूं."

भारत शुरुआत से ही यूक्रेन युद्ध को बातचीत और कूटनीति के जरिए हल करने की वकालत करता रहा है. पीएम मोदी ने पिछले दो वर्षों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से कई बार बातचीत की है और संघर्ष को समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया है.

अमेरिका ने रूस से बिना शर्त युद्धविराम स्वीकारने की मांग की 

अमेरिका ने रूस से मांग की है कि वह बिना किसी शर्त के युद्धविराम के प्रस्ताव को स्वीकार करे. हालांकि, पुतिन ने कहा कि वह इस प्रस्ताव के समर्थन में हैं, लेकिन कुछ "जटिलताएं" हैं और उनके पास इसकी व्यवहार्यता को लेकर "गंभीर प्रश्न" हैं.

राष्ट्रपति ट्रंप ने पुतिन के बयान को "उत्साहजनक लेकिन अधूरा" करार दिया. उन्होंने कहा, "उन्होंने एक बहुत ही सकारात्मक बयान दिया है, लेकिन यह पूरा नहीं है."

यूक्रेन का युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकारना 

इस बीच, यूक्रेन ने इस सप्ताह सऊदी अरब में हुई वार्ता में अमेरिका के 30 दिन के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. इससे पहले 28 फरवरी को व्हाइट हाउस में ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच बातचीत के दौरान तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी, जिसके बाद यह फैसला आया.

रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर हमला किया था, जिसके कारण लाखों लोग विस्थापित हुए, हजारों लोगों की मौत हुई और कई शहर नष्ट हो गए. यह संघर्ष मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच सबसे बड़े टकराव में बदल चुका है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बयान यह दर्शाता है कि भारत की भूमिका वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बनी हुई है. प्रधानमंत्री मोदी के "युद्ध नहीं, शांति" के संदेश को वैश्विक नेताओं से समर्थन मिल रहा है. हालांकि, अमेरिका और रूस के बीच शांति प्रक्रिया को लेकर अभी भी कई मतभेद बने हुए हैं, जिससे युद्धविराम लागू होने की संभावना पर अनिश्चितता बनी हुई है.