Pregnancy In Jailed Women Case: जेलों में बंद महिला कैदियों की गर्भधारण पर हुई सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश- (Watch Tweet)
Supreme Court | PTI
Pregnancy In Jailed Women Case: देशभर की जेलों में बंद महिला कैदियों के गर्भवती होने की घटना का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. SC ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है. इस कमेटी में महिला जेल की एक एसपी को भी शामिल करने के लिए कहा गया है. कोर्ट ने सभी राज्यों को जेलों में बंद महिलाओं की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
इस मामले में न्याय मित्र के रूप में काम कर रहे सीनियर वकील गौरव अग्रवाल ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की थी. 5 पन्नों की इस रिपोर्ट में बताया गया था कि जेल के अंदर कोई महिला कैदी प्रेग्नेंट नहीं हो रही हैं.
वकील गौरव अग्रवाल ने SC को बताया था कि महिला कैदियों की प्रेग्नेंसी या तो जेल जाने से पहले की है या फिर पैरोल के दौरान ये प्रेग्नेंट हुई हैं. प्रेग्नेंट कैदियों को जेलों में उचित मेडिकल सुविधा मिल रही है. जेल के अंदर महिला और पुरुष कैदियों के संबंध बनाने की कोई संभावना नहीं है.
इस खबर से जुड़ा ट्वीट देखें: 

वकील अग्रवाल ने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने राज्य के सभी जेलों का डेटा इकट्ठा किया है. इसके मुताबिक 2018 में बंगाल की जेलों में बंद 196 महिला कैदियों ने बच्चों को जन्म दिया था. उस दौरान जांच में पता चला था कि कई महिला कैदी पहले से प्रेग्नेंट थीं. इसके अलावा कुछ ऐसी महिला कैदी भी प्रेग्नेंट हुईं थी जिन्हें जेल में रहने के दौरान पैरोल पर छोड़ा गया था. इसमें ज्यादातर महिला कैदियों के प्रेग्नेंट होने के मामले पैरोल के दौरान के ही सामने आए थे.

बता दें, पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिला कैदियों के गर्भवती होने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी. SC ने इन महिला कैदियों को अलग केयर होम में रखने का सुझाव दिया था. इसके अलावा सीनियर वकील गौरव अग्रवाल को न्याय मित्र नियुक्त कर जांच के आदेश दिए थे.