#SupremeCourt hears Suo motu case of the alarming number of pregnancies occurring among women inmates in prisons across the country. #SupremeCourt #InmatesPregnancy pic.twitter.com/u1Hpo7jAg1
— Live Law (@LiveLawIndia) February 16, 2024
वकील अग्रवाल ने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने राज्य के सभी जेलों का डेटा इकट्ठा किया है. इसके मुताबिक 2018 में बंगाल की जेलों में बंद 196 महिला कैदियों ने बच्चों को जन्म दिया था. उस दौरान जांच में पता चला था कि कई महिला कैदी पहले से प्रेग्नेंट थीं. इसके अलावा कुछ ऐसी महिला कैदी भी प्रेग्नेंट हुईं थी जिन्हें जेल में रहने के दौरान पैरोल पर छोड़ा गया था. इसमें ज्यादातर महिला कैदियों के प्रेग्नेंट होने के मामले पैरोल के दौरान के ही सामने आए थे.
बता दें, पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिला कैदियों के गर्भवती होने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी. SC ने इन महिला कैदियों को अलग केयर होम में रखने का सुझाव दिया था. इसके अलावा सीनियर वकील गौरव अग्रवाल को न्याय मित्र नियुक्त कर जांच के आदेश दिए थे.