प्रशांत किशोर ने दी नीतीश को चुनौती, भाजपा से मतलब नहीं तो फिर राज्यसभा उपसभापति पद क्यों नहीं छोड़ देते
प्रशांत किशोर (Photo Credits : FB)

पटना, 22 अक्टूबर : चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं. अपनी जन सुराज यात्रा से राजनीतिक जमीन तलाश रहे प्रशांत किशोर ने शनिवार को नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर भाजपा से मतलब नहीं तो फिर राज्यसभा उपसभापति पद क्यों नहीं छोड़ देते. किशोर ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि नीतीश कुमार जी अगर आपका भाजपा, एनडीए से कोई लेना-देना नहीं है तो अपने सांसद को राज्यसभा के उपसभापति का पद छोड़ने के लिए कहें. उन्होंने आगे यह भी सुझाव दिया कि आपके पास हर समय दोनों तरीके नहीं हो सकते. इससे पहले भी किशोर ने दावा करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं. भाजपा के साथ जाने के लिए उन्होंने अपने एक खास नेता को इस काम के लिए रिजर्व रखा है.

उन्होंने कहा कि राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए अपने दल का व्यक्ति लगाए हुए हैं और बिहार में गठबंधन बनाकर बिहार की जनता को फिर से ठगने का प्रयास कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हालांकि शुक्रवार को प्रशांत किशोर के इस दावे को खारिज करते हुए कहा था कि पब्लिसिटी के लिए प्रशांत किशोर इस तरह का बयान देते रहते हैं. वो प्रचार के लिए कुछ भी बोलते हैं. हमें इन सब चीजों से फर्क नहीं पड़ता है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था एक वक्त था जब वो प्रशांत किशोर को मानते थे. लेकिन जिन लोगों को मैंने इज्जत दी वो आज क्या क्या बोलते रहते हैं. यह भी पढ़ें : यूएनएससी ने सामूहिक हिंसा को रोकने के लिए हैती के लिए प्रतिबंध पैकेज को दी मंजूरी

भाजपा से रिश्ता खत्म होने के बाद भी जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति हैं और इसे लेकर ही प्रशांत किशोर संभावना जता रहे हैं. इस बीच, भाजपा के नेताओं का दावा है कि भाजपा अब कभी नीतीश कुमार को नहीं स्वीकार करेगी. इधर, प्रशांत किशोर के दावे के बाद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि राजनीति में कुछ भी संभव है. बिहार के हित में यदि मुख्यमंत्री इस तरह का कदम उठाते हैं, तो वह स्वागत करेंगे.