वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब पूर्वी लद्दाख में पिछले महीने चीनी सैनिकों के साथ हुए खूनी झड़प के बाद केंद्र सरकार ‘स्वदेसी’ पर खासा जोर दे रही है. इसी क्रम में सरकार ने देश की बिजली वितरण कंपनियों को देश में बने उपकरणों को प्राथमिकता देने और चीन समेत दूसरे देशों से उपकरणों की खरीदी करने से परहेज करने के लिए कहा है.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह (RK Singh) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ एक बैठक के बाद इस बात की जानकारी दी. सिंह ने बताया कि कुछ बिजली वितरण कंपनियां बाहर के देशों, ज्यादातर चीन में बने उपकरणों का इस्तेमाल कर रही हैं जबकि ये उपकरण हमारे देश में भी बनाए जा रहे हैं. इसलिए हमने आदेश जारी कर देश में बने उपकरणों को प्राथमिकता देने के लिए कहा है.
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि देश में जो भी निर्मित होता है उसे खरीद में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. पारंपरिक बिजली के क्षेत्र में हम पांच चीजों को छोड़कर सबकुछ देश के भीतर ही बनाते हैं. हमें अपनी कंपनियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि हम अपने देश में रोजगार के अवसर पैदा कर सके.
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इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) और एमटीएमएल (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) ने मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने के मकसद से अपना 4जी टेंडर रद्द कर दिया था, क्योकि यह टेंडर चीन को मिलना तय माना जा रहा था. अब देश की कंपनियों को तव्वजो को तवज्जो देने के लिए नया टेंडर जारी किया जाएगा. उससे पहले रेलवे ने भी चीनी कंपनियों को मिलने वाले कुछ टेंडर रद्द किए थे. जबकि देश के हाईवे प्रोजेक्ट में भी चीनी कंपनियों के एंट्री पर रोक लगाने की बात केंद्र ने कही गई है.