पोलाची सेक्स स्कैंडल मामले पर छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन, हिंसा की आशंका को लेकर बंद रहे कॉलेज
छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और धरना प्रदर्शन कर सख्त सजा की मांग की.
तमिलनाडु (Tamil Nadu) सरकार द्वारा पोलाची (Pollachi) दुष्कर्म व ब्लैकमेल मामले की सीबीआई (CBI) जांच को मंजूरी दिए जाने के अगले दिन इस मामले से जुड़े कई सनसनी खेज तथ्यों के सामने आने और हिंसा की आशंका से अधिकारियों ने गुरुवार को स्थानीय कॉलेजों (Local Colleges) में अवकाश घोषित कर दिया. मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने गुरुवार को विशेष जांच दल के जांच की मांग की याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो को पहले ही मामले की जांच के लिए कहा गया है. सीबीआई दो मामलों की जांच करेगी, जिसे कोयंबटूर जिले के पोलाची ईस्ट पुलिस थाने में बीते महीने दर्ज किया गया है.
सैकड़ों छात्रों, वकीलों व महिला संगठनों के सदस्यों ने बुधवार को सड़कों पर उतरकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की. छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और धरना प्रदर्शन कर सख्त सजा की मांग की. कोयंबटूर के वकीलों ने अदालत परिसर के बाहर प्रदर्शन कर मद्रास उच्च न्यायालय की एक महिला न्यायाधीश की अगुवाई में एक जांच कमेटी की मांग की.
जिला प्रशासन ने शहर के कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है. ऐसा छात्रों द्वारा बुधवार को किए गए प्रदर्शन को फिर दोहराए जाने से रोकने के लिए किया गया है. छात्रों ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. मामले के अभियुक्त थिरुनावुक्कारसु, सबरीराजन, वसंतकुमार, सतीश हिरासत में हैं. यह भी पढ़ें- पोलाची सेक्स स्कैंडल का लोकसभा चुनाव 2019 पर कोई असर नहीं होगा: बीजेपी
कई दिनों से वीडियों व अफवाहें फैल रही हैं कि इस गैंग द्वारा बहुत से कॉलेज की शिक्षिकाओं से लेकर छात्राओं और यहां तक कि कामकाजी पेशेवरों और अन्य महिलाओं के यौन उत्पीड़न व इन्हें ब्लैकमेल किया. इस तरह के वीडियो सामने आए हैं, जिसमें स्पष्ट रूप से दिख रहा है पीड़ितों को प्रलोभन देकर एकांत स्थानों पर ले जाया गया और उनसे छेड़छाड़ की गई, फिल्म बनाई गई और फिर फिल्म को जारी करने की धमकी देकर पैसे के लिए ब्लैकमेल किया गया.
एक अधिकारी ने कहा कि अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) सरकार ने कोयंबटूर पुलिस से मामले को क्राइम ब्रांच-क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीबीसीआईडी) को भेजे जाने के तुरंत बाद मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया.