कर्नाटक (Karnataka) में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने टीपू सुल्तान के जयंती (Tipu Sultan Jayanti) समारोह पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कन्नड़ संस्कृति विभाग को आदेश जारी कर दिया गया है. सोमवार को कैबिनेट की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया. टीपू सुल्तान की जयंती न मनाने के येदियुरप्पा सरकार के फैसले पर कर्नाटक के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने कहा कि मैंने ही टीपू जयंती समारोह मनाना शुरू करवाया था. मेरे हिसाब से वह देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी (Freedom Fighter) थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं.
बता दें कि सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बीजेपी और कई हिंदू संगठनों के सख्त विरोध के बावजूद साल 2015 से हर साल 10 नवंबर को टीपू जयंती मनाने की शुरुआत की थी. टीपू सुल्तान 18वीं सदी में मैसूर रियासत के शासक रहे थे. उनका जन्म दिवस कर्नाटक में टीपू जयंती के तौर पर मनाया जाता है. अंग्रेजों की सेना से श्रीरंगपट्टनम के अपने किले को बचाते हुए वह मई 1799 में मारे गए थे. यह भी पढ़ें- टीपू सुल्तान की चांदी चढ़ी बंदूक 54.74 लाख रुपये में हुई नीलाम, सोने की तलवार भी बिकी
Chief Minister BS Yediyurappa led Karnataka Government orders Kannada & Culture Department, to not celebrate Tipu Jayanti. The decision was taken during yesterday's cabinet meeting. (file pic) pic.twitter.com/6slPyDaq8w
— ANI (@ANI) July 30, 2019
Former Karnataka CM and Congress leader Siddaramaiah on Karnataka govt order to not celebrate Tipu Jayanti: I only started Tipu Jayanti celebrations. According to me, he was the first freedom fighter in the country. BJP people are not secular. pic.twitter.com/80ny4pnDIc
— ANI (@ANI) July 30, 2019
गौरतलब है कि कर्नाटक के कोडागू जिला में साल 2015 में जब पहली बार आधिकारिक तौर पर टीपू जयंती मनाई गई थी, तब वहां बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई थी.