ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट (ET Now Global Business Summit) में हाल ही में दिए गए साक्षात्कार में, अमित शाह (Amit Shah) ने मोदी सरकार द्वारा भारत रत्न पुरस्कार (Bharat Ratna Award) विजेताओं की घोषणा को लेकर पैदा हुए विवाद पर बात की. लालकृष्ण आडवाणी, पीवी नरसिंह राव और चौधरी चरण सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को भारत रत्न दिए जाने के फैसले ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है. वीर सावरकर के नाम को शामिल न करने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने इस मामले से संबंधित अनुरोधों पर ध्यान दिया है.
अमित शाह से पूछा गया कि सावरकर (Veer Savarkar) को भारत रत्न न दिए जाने के कारण सवाल उठाए जा रहे थे. इस पर देश के गृह मंत्री ने कहा कि 'हमने ये दरख्वास्त में नोट कर ली है' शाह ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि वह गांधी परिवार से इतर राजनीतिक हस्तियों के योगदान को स्वीकार करने में विफल रही है.
सावरकर भारत रत्न की दरखवास्त हमने नोट कर ली है।😂 pic.twitter.com/3v9vTzq2wB
— Political Kida (@PoliticalKida) February 10, 2024
भारत रत्न पर राजनीति! क्या बोले अमित शाह?
भारत रत्न की घोषणा के बाद हो रही राजनीति पर अमित शाह ने कहा कि चाहे वह चौधरी चरण सिंह हों, नरसिंह राव हों या एमएस स्वामीनाथन - इन सभी लोगों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. चौधरी चरण सिंह एकमात्र नेता थे, जिन्होंने नेहरू का विरोध किया और किसान को अपनी जमीन पर हक है, इस मुद्दे पर कांग्रेस छोड़ दी. इसी तरह, पीवी नरसिंह राव ने कांग्रेस को एक संस्था बनाने में बड़ा योगदान दिया, देश को एकजुट रखकर इसके विकास में उनका बड़ा योगदान है. भारत एमएस स्वामीनाथन जी के हरित क्रांति में योगदान को कभी नहीं भूल सकता. आज हम खाद्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर हैं, इसमें उनका बहुत बड़ा योगदान है.